Mohabbat kya hai | मोहब्बत क्या होती है?
मोहब्बत से जुड़े हमारे जहन में आज भी कई सवाल होते हैं। कभी लगता है कि मोहब्बत कोई चीज ही नहीं होती है। तो कभी लगता है, मोहब्बत हम सभी को करनी चाहिए। लेकिन आज तक कभी कोई किसी मत तक नहीं पहुंच सका है कि मोहब्बत क्या होती है। यदि आपके साथ भी ऐसा है तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि Mohabbat kya hai, मोहब्बत किसे कहते हैं? और इसे करना कितना जरूरी है। तो चलिए शरू करते हैं मोहब्बत क्या होती है।
Mohabbat kya hai | मोहब्बत क्या है?
मोहब्बत किसी भी इंसान को दो तरह से हो सकती है। इसमें पहला है आकर्षण और दूसरा है मन का लगाव। आइए दोनों चीजों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
आकर्षण
मोहब्बत में सबसे पहला नाम आता है आकर्षण का। जब हम किसी चीज के प्रति आकर्षित होने लगते हैं तो उसे मोहब्बत कहा जाता है। वो कोई इंसान हो सकता है। कोई जानवर हो सकता है या इसके अलावा कोई और वस्तु हो सकती है।
इसकी पहचान ये होती है कि जब हम उस वस्तु से दूर हो जाते हैं तो उसके बारे में ही सोच विचार और मन में सवाल करते रहते हैं। हमें हर पल ऐसा लगता है जैसे वो चीज या वो इंसान हमारे आस पास ही कहीं मौजूद है। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो समझिए कि आप भी उस चीज के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। साथ ही आने वाले समय में आपको उससे मोहब्बत होने वाली है।
मन का लगाव
मन का लगाव उसे कहा जाता है जब हम किसी भी इंसान या जानवर के साथ बैठते हैं तो मन उससे हमेशा लगा ही रहता है। कहने का मतलब है कि बहुत बार हमारा मन कुछ लोगों से मिलने का करता ही नहीं है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि जब हम हमेशा किसी खास इंसान के साथ बैठना पसंद करते हैं। चाहे उसके साथ हम घंटों बैठे रहें पर कभी बोर नहीं होते हैं। यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो समझिए कि आपका मन भी उस चीज के प्रति मोहब्बत की भावना से देखने लगा है।
मोहब्बत किस से होती?
“मोहब्बत क्या है” इतना जानने के बाद आपके जहन में भी ये सवाल जरूर आया होगा कि आखिर वो कौन सी चीजें हैं जिनसे हमें मोहब्बत हो सकती है। बहुत से लोग इसके अंदर मानते हैं कि मोहब्बत हमेशा लड़के को लड़की से होती है और लड़की को लड़के से ही हो सकती है। लेकिन ऐसा सच नहीं है। क्योंकिे ये तो बस दिलों का मिलन होता है। इसलिए हमारा दिल जिस किसी भी चीज के साथ मिल जाए बस समझिए कि उसे मोहब्बत हो चुकी है।
यदि हम इनके अंदर प्रमुखता से नाम लें तो सबसे ज्यादा मोहब्बत लड़के को लड़की के साथ या इसका उल्टा देखने को मिलती है। इसके अलावा लोग अपने जानवरों से मोहब्बत करते हैं। इसके बाद बहुत से लोग अपनी पसंद की चीजों जैसे कि घर, कार और घर में रखे सामान के साथ मोहब्बत करते हैं। लेकिन ये मोहब्बत इतनी मजबूत नहीं होती है। समय के साथ इस मोहब्बत में बदलाव भी देखने को मिल सकता है।
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क्या जबरजस्ती मोहब्बत की जा सकती है?
इसका सीधा सा जवाब है कि ‘नहीं’ बाल्कि यदि हम इसे यूं कहें कि जबरजस्ती हम किसी भी चीज को नहीं कर सकते हैं। यदि हम ऐसा करते हैं तो उसे बहुत लंबे समय तक चलाना संभव नहीं हो सकेगा। लेकिन यदि हम मोहब्बत में जबरजस्ती करने की कोशिश करते हैं, तो यकीन्न ये एक तरफा होगी और आगे चलकर इसका अंजाम बुरा होगा। इसलिए कहा जा सकता है कि यदि एक कामयाब मोहब्बत करनी है तो जरूरी है कि उसमें दोनों तरफ से प्यार और लगाव की भावना हो।
मोहब्बत कब होती है?
इस सवाल का जवाब भी कोई सीधा सा नहीं है। क्योंकिे इसकी ना तो कोई निश्चित उम्र है ना ही इसकी कोई योग्यता है। बस जब जब भी किसी चीज के प्रति हमें आकर्षण की भावना उत्पन्न होती है तो उससे मोहब्बत होने लगती है। इसलिए यहां यह भी तय करना बेहद कठिन है कि मोहब्बत कब कितनी ज्यादा हो जाएगी और कितने लंबे समय तक चलेगी।
मोहब्बत कहां होती है?
इस सवाल की तरह इसका भी कोई सीधा सा जवाब नहीं है। क्योंकि मोहब्बत कहां हो जाए इसका हमें कभी अंदाजा भी हो सकता है। लेकिन एक बात यहां जरूर कही जा सकती है कि मोहब्बत कभी अकेले में होने की संभावना बेहद कम होती है।
इसके लिए जरूरी है कि किसी भी इंसान के पास दो या उससे अधिक चीजों का होना बेहद जरूरी है। लेकिन ये जरूरी नहीं है कि जिस इंसान के पास भी दो या दो से अधिक चीजें होगीं उसे उससे मोहब्बत हो ही जाएगी। संभव है कि वो इंसान उनसे नफरत करता हो और उनसे दूर ही रहना चाहता हो।
उहाहरण के लिए आप रेल में सफर कर रहे हों और आपकी पहचान किसी अजनबी इंसान से हो जाए और वो पहचान कब मोहब्बत में बदल जाए आप समझ ही ना पाएं। जबकि दूसरी तरफ आप किसी इंसान के साथ कई साल बिता कर भी उससे किसी तरह का लगाव अपने अंदर ना ला पाएं।
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क्या मोहब्बत पूछकर या बताकर होती है?
यदि आपकी मोहब्बत किसी जिर्जीव वस्तु के साथ है तो इसमें पूछने या बताने का सवाल ही नहीं उठता है। क्योंकि वहां बातचीज करना संभव ही नहीं होगा। लेनिक यदि आपकी मोहब्बत किसी सजीव वस्तु के साथ है तो यहां दोनों तरफ से सहमति होना बेहद जरूरी हो जाता है।
लेकिन यह सहमति बोलकर या बताकर नहीं ना होकर सांकेतिक भी हो सकती है। क्योंकिे कहा जाता है कि मोहब्बत जुबान से कम दिलों से ज्यादा होती है। लेकिन एक समय के बाद इसकी सहमति मौखिक तौर पर भी हो जाती है। लेकिन कई बार ऐसा भी होता है कि मोहब्बत होने के बाद भी दिलों में कड़वाहट आ जाती है और फिर से दूरियां बन जाती हैं।
मोहब्बत से जुड़ी कुछ जरूरी बातें
- मोहब्बत जब भी करें तो एक सच्चे इंसान से करें। जो इंसान आपसे झूठी बातें या बनावटी बातें कर रहा हो उससे कभी मोहब्बत ना करें।
- किसी इंसान से मोहब्बत करने के लिए आप कभी भी झूठी बातें ना करें। क्योंकि यदि आप झूठ बोलते भी हैं तो एक ना एक दिन उसे सच्चाई का पता चल ही जाएगा।
- मोहब्बत के दौरान आप कभी भी फायदे या नुकसान का अंदाजा ना लगाएं। ये दिलों का मामला होता है। यदि आप इसमें नफा नुकसान देखेंगे तो ये दोस्ती ज्यादा लंबी नहीं चलेगी।
- मोहब्बत करने के लिए हमेशा अपना दिल बड़ा रखें। इसके बीच में कभी उम्र, लिंग या जाति का बंधन ना लाएं।
- आज कल अफवाहों का दौर है। इसलिए जब भी आप किसी से मोहब्बत करें तो इस बात पर ना ध्यान दें कि वो इंसान पता नहीं कैसा होगा। कहीं वो इंसान गलत तो नहीं होगा। यदि आपके दिल से आवाज आती है तो आप बिना कुछ सोचे समझे मोहब्बत कर लीजिए।
इस प्रकार आपने आज जाना कि Mohabbat kya hai, मोहब्बत क्या होती है और मोहब्बत किसे कहते हैं? आशा है कि अब आप समझ चुकें होंगे कि मोहब्बत क्या है? यह लेख कैसा लगा आप हमें कमेंट में जरुर बताएं।