ISI मार्क क्यों जरूरी होता है?
ISI mark full form in Hindi; ISI मार्क का नाम आपने कई बार सुना होगा। खास तौर पर जब आप बाजार में गए होंगे और दुकानदार से आपने कंपनी की चीज की मांग की होगी तो उसने हमेशा आपको ISI मार्क वाली चीजें ही दिखाई होगीं। क्योंकि ISI मार्क का नाम आज भी बड़े भरोसे के साथ लिया जाता है।
लेकिन यदि आप अभी तक नहीं जानते हैं कि ISI Mark kya Hai, ISI mark full form in Hindi क्या होती है। इस मार्क को किन चीजों पर लगाया जाता है। तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि ISI Mark kya Hai
ISI Mark Kya Hai?
ISI मार्क के बारे में हम आपको विस्तार से जानकारी दें इससे पहले आइए आपको एक बार बताते हैं कि ISI मार्क होता क्या है। यह एक तरह का Logo होता है। जबकि यदि हम ISI mark full form in Hindi की बात करें तो इसे ‘Indian Standard institute’ कहा जाता है। जिसे हिंदी में भारतीय मानक संस्थान के नाम से जाना जाता है। इसका सबसे ज्यादा योगदान बिजली से बने उपकरणों की सही गुणवत्ता को जांचना होता है। जांच के बाद उसे बाजार में आने की इजाजत देना होता है।
ISI की स्थापना भारत में साल 1947 में हुई थी। जबकि उत्पादों पर इसका Logo लगाने की शुरूआत साल 1955 में हुई थी। जिसके बाद से अबतक यह पूरी तरह से सफल रहा। अब इसे BIS के नाम से जाना जाता है।
यह अपने अंतर्गत आने वाले सभी उपकरणों की सबसे पहले पूरी तरह से जांच करता है। इसके बाद उन उपकरणों की पैकिंग के ऊपर अपना Logo लगा देता है। जिससे उसे खरीदने वाला आम ग्राहक उस Logo को देखकर समझ सकें कि यह उपकरण या सामान पूरी तरह से जांच होने के बाद ही बाजार में आया है। हालांकि, साधारण तौर पर हमें एक चीज देखने को मिलती है कि ISI मार्क वाली चीजें उन चीजों की तुलना में थोड़ी महंगी होती हैं। जिनपर इस तरह से ISI का मार्क नहीं लगा होता है।
ISI मार्क किन चीजों पर लगा होता है?
- बुखार जांच करने वाला थर्मामीटर।
- बिजली से चलने वाले तमाम उपकरण। जैसे कि कूलर, पंखा, फ्रिज, एसी आदि। इन सब पर अनिवार्य होता है।
- रसोई गैस सिलेंडर और उससे जुड़े तमाम उपकरण के ऊपर ISI Logo लगा होता है।
- इसके अलावा स्टेनलेस स्टील प्लेट, पैकेज्ड ड्रिकिंग वॉटर, स्टोव, स्टील के तार और स्टील की चादरें, सीमेंट, रसोई के उपकरणों पर आप आसानी से Isi mark देख सकते हैं।
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ISI कैसे काम करती है?
ISI मार्क से किसी भी सामान को पास कराने की एक प्रक्रिया होती है। जिसके बाद ही किसी भी सामान पर ISI का Logo लगता है। इसके लिए सबसे पहले आप जिस सामान को बेचते हैं। उसे अपनी कंपनी के नाम से ISI दफ्तर में रजिस्टर करवाना होता है। इसके बाद आपने जितना भी सामान बनाया है। उसे ISI के दफ्तर में भेजना होता है। ताकि उनकी जांच की जा सके। इसके लिए ISI ने हर सामान ने मानक भी तय किए हैं।
यहां आपके सामान को उन सभी मानकों पर परखा जाता है। इसके बाद यदि आपका सामान पूरी तरह से सभी मानकों पर खरा उतरता है। तो आपके सामान पर ISI Mark लगा दिया जाता है। ये सारी प्रक्रिया आपको अपना सामान बाजार में भेजने से पहले करना होता है। यदि आपका सामान यहां पूरी तरह से पास हो जाता है। तो आप उसे बाजार में उतार कर बेच सकते हैं।
ISI Mark क्यों जरूरी होता है?
ISI मार्क आज हर चीज पर बेहद जरूरी हो गया है। इसका फायदा ये होता है कि ग्राहक जो भी चीज खरीद रहा होता है। वो उस चीज पर ISI का मार्क लगा देखकर इस बात से संतुष्ट हो सकता है कि वह जो चीज खरीद रहा है। उसे सरकार ही तरफ से हर तरह से जांचा परखा गया है। इसके बाद ही उसे बाजार में उतारा गया है। अब वो बिना संकोच के उसे अपने घर ले जा सकता है।
इसलिए यह बात बाजार में सामान लेने जा रहे हर ग्राहक की जिम्मेदारी बनती है कि वो दुकानदार से सबसे पहले ISI मार्क वाले सामान की मांग ही करे। यदि वो देने से मना करे तो दूसरी दुकान से खरीदे।
ISI Mark के कुछ फायदे
- इस मार्क को देखकर कोई भी ग्राहक बिना कुछ सोचे समझे भी संतुष्ट हो सकता है कि वह जो चीज अपने घर खरीद कर ले जा रहा है। वह गुणवत्ता की कसौटी पर पूरी तरह से खरी है।
- इस मार्क के आ जाने से कुछ निर्माता जो काम तो अच्छा करते थे। लेकिन उनके ब्रांड को कोई पहचान नहीं मिल पा रही थी। उन्हें भी अपनी पहचान बनाने में मदद मिली।
- इस मार्क के आने के बाद बाजार से ऐसी कंपनिया को हटाने में मदद मिली जो बिना सरकार की इजाजत के अपना सामान बेच रही थी। जिसकी गुणवत्ता की भी कोई गारंटी नहीं होती थी।
- इस मार्क के लगे होने से यदि कोई सामान सही गुणवत्ता का नहीं होता है। तो ग्राहक उस कंपनी पर केस भी कर सकता है। साथ ही अपना हर्जाना भी ले सकता है।
- ISI मार्क सामान खरीदने से उपकरणों के साथ होने वाले में काफी मात्रा में कमी देखने को मिली है। खास तौर पर बिजली के उपकरणों में।
कुछ जरूरी बातें
- आज के समय कई ऐसी कंपनियां भी हैं जो गलत तरीके से ISI मार्क का प्रयोग करके ग्राहकों के साथ धोखा करती हैं। इसलिए ये ग्राहक की जिम्मेदारी हो जाती है कि वो हमेशा Original ISI mark वाली चीज ही खरीद कर अपने घर ले जाए। साथ ही ऐसी कंपनियों की शिकायत भी करे।
- कई बार दुकानदार अपने कमीशन के चक्कर में ग्राहकों को बिना ISI मार्क वाली चीजें भी बेहतर बता कर बेच देते हैं। ग्राहकों को ऐसी चीजों से हमेशा बचना चाहिए।
- हमेशा ISI मार्क वाला सामान दूसरे की तुलना में कुछ महंगा होता है। इसलिए ग्राहक को सस्ते का लोभ नहीं करना चाहिए। खास तौर पर जिन चीजों की गुणवत्ता खराब होने से किसी तरह की दुर्घटना हो सकती है।
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Conclusion
हमें आशा है कि अब आप जान चुके होंगे कि ISI मार्क क्या है? ISI mark full form in Hindi क्या होती है। हमें उम्मीद है कि हमारे इस लेख को पढ़ने के बाद आप अब एक जागरूक ग्राहक की तरह हमेशा बाजार से ISI मार्क वाली चीजें ही खरीदेंगे। यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया है तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करें। साथ ही नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय भी जरूर साझा करें।