Saam Daam Dand Bhed Meaning: साम दाम दंड भेद के बारे में आपने कई बार सुना होगा। खास तौर पर तब जब किसी इंसान ने कोई काम बड़ी ही मुश्किल से किया हो तो कहा जाता है कि उसने इस काम को पूरा करने के लिए ‘साम दाम दंड भेद’ लगा दिए।
लेकिन यदि आप साम दाम दंड भेद का अर्थ अभी तक नहीं जानते हैं तो आज हमारी इस पोस्ट को अंत तक पढि़ए। अपनी इस पोस्ट में हम आपको साम दाम दंड भेद का अर्थ उदाहरण सहित बताएंगे। जिसके बाद आप समझ जाएंगे कि साम दाम दंड भेद क्यों कहा जाता है।
साम दाम दंड भेद का अर्थ
आसान भाषा में यदि हम कहें तो कह सकते हैं किसी काम को पूरा करवाने के लिए अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर लेना। जिससे एक तरह से ना पूरा होने वाला काम भी आप पूरा करके दिखा दें। लेकिन साम दाम दंड भेद में हर शब्द का अपना एक मतलब है। जिसे हर किसी को समझना बेहद जरूरी है।
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साम का अर्थ
साम दाम दंड भेद में ‘साम’ का अर्थ होता है कि इंसान को किसी बात को समझाना। आमतौर पर इस स्तर पर इंसान से मिलकर बड़े ही प्यार से साधारण अंदाज में समझा दिया जाता है कि उसे क्या करना है। साथ ही क्या सही और क्या गलत है।
उदाहरण: आप अपने दोस्त को एक बात समझाने के लिए जाते हैं और आप उसके घर जाकर सही तरीके से पूरी बात समझा देते हैं कि वो फलां लड़की से मतलब ना रखे वरना उसके साथ बुरा हो सकता है। इसे आप ‘साम’ कह सकते हैं।
दाम का अर्थ
साम दाम दंड भेद में ‘दाम’ का का अर्थ होता है कि किसी इंसान या चीज पर पैसों के दम पर कब्जा करना। क्योंकि जब आप किसी इंसान को समझाते हैं और वो आपकी बात नहीं मानता है तो आप सोचते हैं कि क्यों ना उसे कुछ पैसों का लालच दिया जाए। शायद उससे मान जाए। इसे हम लोग ‘दाम’ कहते हैं।
उदाहरण: अब आप दोस्त को समझा आए लेकिन वो आपकी बात नहीं मान रहा। लिहाजा आप दोबारा से उसके घर जाएंगे और कहेंगे कि वो फलां लड़की का साथ छोड़ दे। इसके बदले उसे जितने पैसे या जो चीज चाहिए मांग ले। आप उसे हर वो चीज तुरंत दे देंगे। सही मायने में यह ‘दाम’ है।
दंड का अर्थ
दंड जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इसके अंदर दंड दिया जाता है। यानि जब आपने इंसान को बात समझा भी दी और पैसों का लालच भी दे दिया पर फिर भी वो टस से मस नहीं हो रहा है तो आप उसे इसके बाद ‘दंड’ देने का रास्ता अपना सकते हैं।
उदाहरण: अब आप अपने दोस्त को पैसों का लालच भी दे आए लेकिन फिर भी वो उस लड़की के साथ घूम रहा है। इसके बाद आप अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर उसे किसी दिन रास्ते में रोकते हैं और उसके साथ हाथा पाई करते हैं और ये कहते हैं कि अब उसके साथ दिख मत जाइए। सही मायने में आपने यहां ‘दंड’ का प्रयोग किया।
भेद का अर्थ
साम दाम दंड भेद में यह अंतिम युक्ति है। इसके अंदर आपको तब जाना होता है जब सारे दांव फेल हो जाते हैं। इसके अंदर आपको किसी काम को ना करके सामने वाले के कुछ ऐसे रहस्य पता लगाने होते हैं, जो कि उसने अभी तक सभी लोगों से छुपा रखे हैं।
उदाहरण: अब आपने अपने दोस्त को पीट भी दिया पर फिर भी वो उस लड़की का साथ नहीं छोड़ रहा है। तो आप अंत में कोशिश करेंगे कि उसके कुछ ऐसे राज पता चल जाएं जिसे उसने अबतक अपने घर वालों से छुपा रखा है। जैसे कि आपको पता लग गया कि वो सिगरेट पीता है और आपने उसकी सिगरेट पीते हुए वीडियो बना ली।
इसके बाद आप उसे कहते हैं कि तू उस लड़की का साथ छोड़ दे वरना ये वीडियो उसके पापा को दिखा देगा। सही मायने में आप यहां ‘भेद’ का प्रयोग कर रहे हैं। आमतौर पर व्यापार में इसका सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। साथ ही इसके आगे हर आदमी झुकने को मजबूर हो जाता है।
नए जमाने का साम दाम दंड भेद क्या है?
समय के हिसाब से हर चीज बदल जाती है। इसलिए आज ‘साम दाम दंड भेद’ का चलन भी बंद हो गया है। आज के समय में यदि कोई इंसान आपकी बात नहीं मानता है तो बेहतर होगा आप उसकी शिकायत पुलिस में दे दें। या फिर आप उसके खिलाफ केस कर दें। नए जमाने का यही साम दाम दंड भेद कहलाता है। जो कि कानून के हिसाब से सही भी है।
FAQ
साम दाम दंड भेद का क्या अर्थ होता है?
साम दाम दंड भेद का प्रयोग तब किया जाता है। जब आपकी हर कोशिश के बाद भी कोई इंसान आपकी बात ना मानें।
साम दाम दंड भेद की प्रयोग सबसे ज्यादा कहां होता है?
साम दाम दंड भेद का प्रयोग राजनीति में अक्सर चुनावों के बाद नेताओं को दल बदलने के लिए होता है। ताकि किसी दल की सरकार बन सके।
साम दाम दंड भेद को कब प्रयोग करना चाहिए?
साम दाम दंड भेद का प्रयोग किसी इंसान पर आपको तब करना चाहिए, जब आपको लगे कि अब इस काम को करवाने के हर रास्ते बंद हो चुके हैं।
क्या साम दाम दंड भेद का प्रयोग करना सही है?
नहीं ये एक पुरानी कहावत मात्र है। आज के समय में हर कोई पढ़ा लिखा है और बात को समझने वाला है। इसलिए हमेशा बातचीत से यदि समाधान ना हो तो कानून की मदद लेनी चाहिए।
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Conclusion
आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि साम दाम दंड भेद का क्या अर्थ होता है। और सही मायने में हम कब कह सकते हैं कि इस इंसान ने ‘साम दाम दंड भेद’ सब चीजें लगा दी हैं। इसके बाद ही ये काम सफल हुआ। हालांकि, हम फिर भी आपसे यही कहेंगे कि हर बात का समाधान अंत में बातचीत से ही होता है। इसलिए कोशिश करें कि आपका हर काम बातचीत से ही हो जाए। ताकि बात आगे बढ़े ही नहीं।