Accountant ka kya kaam hota hai | अकाउंटेंट कैसे बने?

Accountant बनने का सही तरीका

Accountant ka kya kaam Hota hai: अकाउंटेंट आपने हर संस्‍थान में देखे होंगे। इनका ज्‍यादातर काम हिसाब किताब करना होता है। लेकिन किसी भी संस्‍थान में इनकी बेहद महत्‍वूर्ण जिम्‍मेदारी होती है। इसीलिए इन्‍हें काफी आकर्षक वेतन भी दिया जाता है।

ऐसे में यदि आप भी जानना चाहते हैं कि Accountant ka kya kaam hota hai अकाउंटेंट कैसे बनें तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि आप किस तरह से अकाउंटेंट बन सकते हैं। साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार की क्‍या संभावनाएं मौजूद हैं।

अकाउंटेंट क्‍या होता है?

Accountant ka kya kaam hota hai इस बारे में हम आपको जानकारी दें इससे पहले आइए आपको हम बताते हैं कि अकाउंटेंट क्‍या होता है। दरअसल, अकाउंटेंट वो पद होता है जो कि किसी भी संस्‍थान में पूरी तरह से पैसों के लेन देन का हिसाब किताब रखता है।

उसका काम होता है कि कौन सी चीज के लिए पैसा बाहर गया। कब पैसा आया। साथ ही यदि किसी तरह का बैंक लोन लिया गया है तो उसका क्‍या स्‍टेटस है। कुल मिलाकर यदि उसके संस्‍थान में किसी तरह की भी आर्थिक तौर पर गातिविधि होती है। तो उसकी जानकारी अकाउंटेंट को अवश्‍य होती है। यहाँ हम आपको एक और जानकारी दे दें कि कई संस्‍थान ऐेसे भी होते हैं जहां बड़ी संख्‍या में अकाउंटेंट होते हैं। सबके काम भी उनके हिसाब से बंटे होते हैं।

अकाउंटेंट कैसे बने

अकाउंटेंट कैसे बनें?

Accountant ka kya kaam hota hai अब आप इसे समझ गए होंगे तो आइए अब हम आपको जानकारी देते हैं कि यदि आप अकाउंटेंट बनना चाहते हैं तो कैसे बन सकते हैं। इसके लिए कोर्स के साथ हम रोजगार तलाश्‍ने का तरीका भी हम आपको बताएंगे। इसलिए आप अंत तक अवश्‍य पढ़ें।

12 वीं में कौन सी Stream लें?

यदि आपका बचपन से ही अकाउंटेंट बनने का सपना है तो जरूरी है कि आप अपने स्‍कूल स्‍तर पर ही आप गणित विषय में काफी मेहतन करें। इसके बाद जब आप 10 वीं पास कर लेते हैं तो आपको हमेशा कॉमर्स (Commerce) विषय के साथ ही जाना चाहिए।

यदि आप बारहंवी में कॉमर्स की बजाय कोई दूसरा विषय ले लेते हैं तो आप आगे चलकर कभी भी अकाउंटेंट की पढ़ाई नहीं कर सकते हैं। इसलिए इसे पूरी गंभीरता से लें।

Accountant Diploma Course

यदि आप कई सालों तक पढ़ाई नहीं कर सकते हैं और आप चाहते हैं कि बारहंवी के बाद ही अकाउंटेंट कैसे बनें। तो इसके लिए आज के समय में कई डिप्‍लोमा कोर्स मौजूद हैं। आप उन डिप्‍लोमा कोर्स को करके अपना आकउंटेंट बनने का सपना पूरा कर सकते हैं।

इन डिप्‍लोमा कोर्स की खास बात ये है कि इनके अंदर आपका पैसा भी कम लगेगा साथ ही आप इन्हें एक से दो साल में ही पूरा कर सकते हैं। हालांकि, इनसे जुड़े अच्‍छे कॉलेज बेहद कम मौजूद हैं। इसलिए संभव है कि आपको डिप्‍लोमा कोर्स करने के लिए घर से दूर भी जाना पड़े। लेकिन यदि आपके पास पूरा समय है तो आप हमेशा डिग्री कोर्स ही करें।

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B.com (Bachelor of Commerce)

यह हमारे देश में एक नामी डिग्री कोर्स है। जिसे करके आप अकाउंटेंट बनने का सपना पूरा कर सकते हैं। यह कोर्स 12 वीं के बाद किया जा सकता है। जो कि एक डिग्री कोर्स है। इसलिए इस कोर्स की अवधि कुल तीन साल की होती है। इस कोर्स की खास बात ये है कि इसे आप अपने गांव देहात के जो कॉलेज होते हैं उनमें भी आसानी से कर सकते हैं। साथ ही इसकी फीस भी नाममात्र होती है।

लेकिन ऐसा नहीं है कि इस कोर्स के अंदर आपको केवल अकाउंटेंट के बारे में ही बताया जाएगा। इस कोर्स में आपको बिजनेस, अर्थशास्‍त्र और हिन्‍दी- अंग्रेजी की जानकारी भी दी जाएगी। ताकि आपका तीन साल में बहुमुखी विकास हो सके। आइए आपको इस कोर्स के तीनों साल के अंदर आने वाले विषयों की जानकारी देते हैं।

B.com 1st Semester Subject List (1st Year)

  • Financial Accounting
  • Business Computing
  • Business Organization & Management
  • Quantitative Methods
  • Communication in English
  • Elective Courses: New Venture Planning, Principles of Microeconomics

B.com 2nd Semester Subject List

  • Environmental Studies
  • Business Laws
  • Corporate Communication
  • Financial System
  • Business Mathematics & Statistics
  • Elective Courses: Foreign Exchange Markets, Principles of Macroeconomics00

B.com 3nd Semester Subject List (2nd Year)

  • Income Tax Laws
  • Advanced Economics
  • Elements of Cost Accounting
  • Entrepreneurship
  • Company Law
  • Elective Courses: Financial Markets, Indian Economy

B.com 4nd Semester Subject List (3rd Year)

  • Indirect Laws
  • Corporate Accounting
  • Stock & Commodity Market
  • (Advanced) Operation Research
  • Competition & Consumer Laws
  • Elective Courses: Investing in Stock Markets, Human Resource Management, Ecommerce

B.com 5nd Semester Subject List

  • Cost Accounting
  • Strategic Management
  • International Business
  • Elective Courses: Advertising, Principles of Marketing, Computer Application in Business

B.com 6nd Semester subject List

  • Principles of Auditing
  • Business Communication
  • Management & Information Business
  • Fundamentals of Financial Management
  • Business Culture
  • Elective Courses: Management Accounting, Corporate Tax Planning, International Business

M.com (Master of Commerce)

यदि आप अकाउंटेंट बनने के लिए और ज्‍यादा पढ़ाई करना चाहते हैं तो आगे चलकर आप M.com भी कर सकते हैं। यह कुल दो साल का कोर्स होता है। जिसे आप बी कॉम करने के बाद कर सकते हैं। इसके अंदर भी आपको अकाउंटेंट से जुड़ी चीजें बताई जाएंगी।

इस कोर्स को करने के बाद आपकी जानकारी और ज्‍यादा अच्‍छी हो जाएगी। साथ ही आपको रोजगार तलाश्‍ने में भी आसानी रहेगी। इसके अलावा यदि आप उच्‍च शिाक्षा लेने में यकीन रखते हैं तो भी इसके साथ जा सकते हैं। क्‍योंकि M.com के बाद NET JRF (National Eligibility Test) और Ph.d के रास्‍ते भी आपके लिए खुल जाते हैं। आगे हम आपको एमकॉम (M.com) के अंदर आने वाले प्रमुख विषय बताने जा रहे हैं। हालांकि, ये विषय तमाम Speclization के आधार पर बदल भी सकते हैं।

M.com 1st Semester Subject (1st Year)

  • Organizational Behavior and Management Process
  • Marketing Management
  • Computer Applications in Commerce
  • Business Environment & Policy
  • Corporate Governance

M.com 2st Semester Subject List

  • Management and Financial Accounting
  • Managerial Economics
  • Research
  • Management of Nonprofit Organizations
  • Research Methods & Statistical Techniques

M.com 3st Semester Subject (2nd Year)

  • Financial Management
  • Management of Financial Services
  • Managerial Communication
  • International Trade – Theory & Practice

M.com 4st Semester Subject List

  • Elements of Income Tax
  • E-Commerce
  • Mergers & Acquisitions
  • Research and Internships

Commerce College List in India

  • Bishop Heber College, Tiruchirappalli
  • Hindu College, Delhi
  • Presidency College, Chennai
  • Loyola College, Chennai
  • Shri Ram College of Commerce, Delhi
  • Lady Shri Ram College for Women, New Delhi
  • Ramakrishna Mission Vidyamandira, Howrah
  • Madras Christian College, Chennai
  • PSG College of Arts and Science, Coimbatore
  • Deen Dayal Upadhyaya College, New Delhi
  • Atma Ram Sanatan Dharm College, New Delhi
  • Gargi College, Delhi

दाखिला प्रक्रिया

यदि आप दाखिला प्रक्रिया की बात करें तो चाहे आप बी कॉम में दाखिला लें या एम कॉम में दाखिला लें। इन दोनों कोर्स में कुल दो तरह से दाखिले लिए जाते हैं। पहला तरीका पूरी तरह से मेरिट पर आधारित होता है। इसके अदंर जरूरी है कि आपके बारहंवी में अच्‍छे अंक हो। इसके बिना आप किसी भी अच्‍छे कॉलेज में दाखिला नहीं ले सकते हैं। ये तरीका अक्‍सर छोटे कॉलेज अपनाते हैं।

जबकि दाखिला लेने का दूसरा तरीका Entrance Test के आधार पर होता है। इसके अंदर आपको एक टेस्‍ट देना होगा। इसके बाद उसी में आए नंबरों के आधार पर दाखिला लिया जाता है। इस टेस्‍ट को देने के लिए आपके बारहंवी में महज 50 प्रतिशत अंक होने जरूरी हैं।

Fee Structure

यदि आप कॉमर्स के कोर्स की फीस की बात करें तो यह इस बात पर निर्भर करती है कि आप कौन से कॉलेज में दाखिला ले रहे हैं। साथ ही वो कॉलेज प्राइवेट है या सरकारी। यदि वो कॉलेज प्राइवेट है तो उसकी फीस लाखों में जा सकती है। फिर चाहे आप वहां से बी कॉम (B.com) करें या एम कॉम (M.com)

लेकिन यदि आप किसी सरकारी कॉलेज में दाखिला लेते हैं तो आपकी फीस बहुत कम लगेगी। यदि आप किसी बड़े सरकारी कॉलेज में दाखिला लेते हैं तो उसकी फीस आपको साल की 30 हजार से 40 हजार तक चुकानी पड़ सकती है। लेकिन यदि आप किसी छोटे कॉलेज में द‍ाखिला लेते हैं तो उसकी फीस आपको 10 हजार तक ही चुकानी होगी।

Accountant Training

अकाउंटेंट बनने के लिए प्रक्षिक्षण बेहद जरूरी है। इसके लिए समय समय पर एक सप्‍ताह से लेकर एक महीने तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। जो कि कई बार कोर्स के दौरान ही दिया जाता है। लेकिन यदि आपके कोर्स में ट्रेनिंग जैसा कुछ नहीं है। तो आप कुछ समय के लिए किसी CA के पास जाकर काम सीख सकते हैं। वहां से आप इस काम को करने का तरीका आसानी से समझ सकते हैं।

करियर विकल्‍प

एक अकाउंटेंट बनने के बाद आपके सामने अनेकों विकल्‍प होते हैं। आप उनमें से किसी भी विकल्‍प को अपना सकते हैं। लेकिन उसके लिए जरूरी है कि आप जिस विकल्‍प को अपना रहे हैं। उस क्षेत्र में आपकी कुछ जानकारी पहले से हो।

  • बैकिंग सेक्‍टर
  • अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थान
  • उत्‍पादन कंपनियां
  • सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय
  • चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) कंपनियां
  • फाइनेंस मैनेजर
  • सहायक / वरिष्‍ठ अकाउंटेंट

शुरुआती सैलरी

यदि हम रोजगार की संभावनाओं की बात करें तो यह इस बात पर निर्भर करती है कि आपने किस कॉलेज से पढा़ई की है। साथ ही आपको अकाउंटेंट के काम की कितनी ज्‍यादा जानकारी है। इसके अलावा आप नौकरी कहां कर रहे हैं।

लेकिन यदि आपको ठीक ठाक जानकारी है तो आप इस कोर्स को करने के बाद आसानी से 15 से 20 हजार रूपए हर महीना कमा सकते हैं। लेकिन यदि आपका चयन किसी अच्‍छी कंपनी में हो जाता है तो आपका वेतन हर महीने 30 से 40 हजार रूपए भी हो सकता है।

ध्‍यान रखने योग्य बातें

  • यदि आप किसी सरकारी विभाग में अकाउटेंट बनना चाहते हैं तो उसके लिए आपको कोर्स के सेलेब्‍स से ज्‍यादा पढ़ना होगा। तभी आप सरकारी नौकरी लग सकते हैं।
  • हमेशा आप अपने कॉलेज का चयन करते समय बेहद सावधानी बरतें। ऐसा ना हो कि आप गलत कॉलेज चुन लें और बाद में उसे छोड़ना पड़े।
  • अकाउंटेंट जैसा काम एक बेहद जिम्‍मेदारी भरा होता है। इसलिए आप कॉलेज के समय से ही अपने अंदर एक जिम्‍मेदार होने का अहसास लाने लगें।
  • यदि आपको शुरूआत में कोई कम वेतन की नौकरी भी मिलती है। तो आप उसे भी कर लें। आगे चलकर आपका अनुभव आपको अच्‍छा वेतन भी दिलवा देगा।
  • यह काम पूरी तरह से कंम्‍प्‍यूटर और हिसाब किताब का है। इसलिए यदि आपकी रूचि इस काम में नहीं है, तो आप ये कोर्स बिल्‍कुल भी ना करें।
  • एक अकाउंटेंट बनने के लिए आपको अंग्रेजी का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। इसलिए आप कोर्स के साथ अंग्रेजी भी सीखते रहें।

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Conclusion

आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि Accountant ka kya kaam hota hai इसे जानने के बाद आप आसानी से समझ सकते हैं कि आपको एक अकाउंटेंट बनना चाहिए या नहीं। लेकिन हम आपको अंत में केवल एक सुझाव देंगे कि काम और कोर्स सब अच्‍छे होते हैं। कामयाबी केवल उसे करने वाले की मेहतन पर निर्भर करती है।

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नमस्कार दोस्तों, मैं Deepak "आल इन हिन्दी" का Founder हूँ. मैं एक Economics Graduate हूँ। कहते है ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता कुछ इसी सोच के साथ मै अपना सारा ज्ञान "आल इन हिन्दी" द्वारा आपके साथ बाँट रहा हूँ। और कोशिश कर रहा हूँ कि आपको भी इससे सही और सटीक ज्ञान प्राप्त हो सकें।

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