वायुमंडल में कुल कितनी परतें होती हैं?
Atmosphere layers in Hindi; हम जिस पृथ्वी पर रहते हैं उसके चारों तरफ एक वायुमंडल है। जिसकी वजह से हम लोग तमाम तरह की गैसों को महसूस कर पाते हैं। यदि आप अभी तक नहीं जानते हैं कि वायुमंडल क्या होता है तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि वायुमंडल किसे कहते हैं? वायुमंडल की कितनी परतें होती हैं? वायुमंडल के अंदर कौन सी गैसें पाई जाती हैं? तो चलिए शुरु करते हैं Atmosphere layers in Hindi
वायुमंडल क्या होता है?
यदि आप अभी तक नहीं जानते कि वायुमंडल क्या होता है। तो सबसे पहले आप इसे जान लीजिए। दरअसल, वायुमंडल हमारे चारों तरफ फैला एक आवरण होता है। जो कि एक तरह से गैसों का आवरण होता है। इसलिए इसे हम लोग देख नहीं सकते हैं। इन गैंसों का अलग अलग महत्व होता है। इसलिए इन सभी गैसों को मिलाकर बनने वाले आवरण को हम लोग वायुमंडल के नाम से जानते हैं। वायुमंडल की कई परतें होती हैं। जोिकि हमारी पृथ्वी को सुरक्षित रखने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं।
वायुमंडल में मौजूद विभिन्न गैसें
आइए आगे हम आपको बताते हैं कि वायुमंडल के अंदर कौन सी गैसें पाई जाती हैं। साथ ही उनकी मात्रा क्या होती है। इसके बाद उन प्रमुख गैसों के कार्य और महत्व भी बताते हैं। जो कि हमारे जीवन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
- नाइट्रोजन गैस – 78.1%
- ऑक्सीजन गैस – 20.9%
- आर्गन गैस – 0.9%
- कार्बन डाइऑक्साइड गैस – 0.03%
- हाइड्रोजन गैस – 0.01%
- नियोन गैस – 0.0018%
- हीलियम गैस – 0.0005%
- ओजोन गैस – 0.00006%
- अन्य गैसें – 000%
- कुल गैस – 99.99%
नाइट्रोजन गैस
हमारे वायुमंडल में सर्वाधिक मात्रा में पाई जाने वाली गैस एकमात्र है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि यह चीजों को जलने से बचाती है। साथ ही इसी गैस के चलते हमें वायुदाब, हवा की गति और प्रकाश में किसी तरह के होने वाले परिवर्तन का आभास होता है। इसलिए हमारे वायुमंडल में यह गैस बेहद महत्वपूर्ण है।
ऑक्सीजन गैस
इस गैस को जीवन दायनी गैस भी माना जाता है। इसकी वजह ये है किे यदि वायुमंडल के ऑक्सीजन समाप्त हो जाए तो शायद ही आप हमारा ये पूरा लेख पढ़ सकें। क्योंकि सांस लेने के दौरान हम इसी गैस को अपने अंदर लेते हैं। साथ ही हम जो कुछ भी जलाते हैं उसमें ऑक्सीजन का बड़ा महत्वपूर्ण रोल होता है। यानि कि यदि पृथ्वी पर ऑक्सीजन ना हो तो हम एक माचिस की तीली तक नहीं जला सकते हैं। इस गैस को अक्सर लोग सिलेंडर में भी भरकर रखते हैं। ताकि आपात स्थिति में ये काम आ सके।
कार्बन डाइ ऑक्साइड
यह भी एक महत्वपूर्ण गैस है। जो कि पौधों के सांस लेने में उपयोग में लाई जाती है। पौधे इस गैस को पहले अंदर लेते हैं। फिर ऑक्सीजन छोड़ने का काम करते हैं।
ओजोन गैस
यह गैस हमारे वायुमंडल में बेहद कम मात्रा में पाई जाती है। पर इसका बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह सूर्य से निकलने वाली पराबैगनी किरणों को बीच में ही अवशोषित करने का काम करती है। जिससे ये हानिकारक किरणें हम लोगों तक नहीं पहुंच पाती हें। लेकिन मानव की आधुनिक चीजों की वजह से अब ये गैस नष्ट होने लगी है। जिसे बचाना बेहद जरूरी है। अन्यथा पृथ्वी पर कई घातक बीमारियां जन्म ले लेंगी।
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वायुमंडल की परतें
हमारा वायुमंडल नीचे से देखने में हमें भले ही एक जैसा दिखाई दे। लेकिन इसे कई भागों में विभाजित किया गया है। ताकि इसे समझने में आसानी रहे। इसका विभाजन खास तौर पर गैसों को आधार बनाकर किया गया है। आइए अब हम आपको वायुमंडल की विभिन्न परतों के नाम बताते हैं। साथ ही आगे विस्तार से बताते हैं कि उनकी क्या विशेषता है। यहां हम आपको उन परतों का क्रमवार नाम बताने जा रहे हैं। तो चलिए जानते हैं Atmosphere layers in Hindi
- क्षोभमंडल (Troposphere) : 0-16 किमी.
- समतापमंडल (Stratosphere) : ट्रोपोपॉज से 50 किमी.
- मध्यमंडल (Mesosphere) : 50-80 किमी.
- अयानमंडल (Ionosphere) : 80-690 किमी.
- बाह्यमंडल (Exosphere) : 690 किमी. सेऊपर
क्षोभमंडल
- Atmosphere layers in Hindi में यह वायुमंडल की सबसे निचली परत होती है। विषुवत रेखा पर इसकी ऊंचाई 16 किलोमीटर और ध्रुवों पर इसकी ऊंचाई 8 किलोमीटर के आसपास होती है। इसे आप पृथ्वी पर से आसानी से देख सकते हैं।
- क्षोभमंडल के अदंर हम जितनी ऊंचाई पर जाते जाते हैं उसका तापमान उतना ही कम होता जाता है। यदि हम 165 मीटर की ऊ्रचाई पर जाते हैं तो तापमान लगभग 1 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है।
- पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव जंतु इसकी मंडल के जरिए सांस लेते हैं। साथ ही पृथ्वी पर होने वाली मौसम से जुड़ी घटनाएं भी इसकी के अंदर होती हैं। जैसे कि आंधी आना, तूफान आना, बारिश का आना, सर्दी और गर्मी का मौसम बदलना।
- मौसम संबधी घटनाओं के चलते इस मंडल में कभी भी विमान नहीं उड़ाए जाते हैं। क्योंकि इससे विमान गिरने का खतरा रहता है।
- क्षोभमंडल को संवहन मंडल भी कहते हैं। क्योंकि संवाहन धाराएं भी इसी मंडल तक सीमीत रहती हैं।
समतापमंडल
- Atmosphere layers in Hindi में यह क्षोभमंडल के ऊपर का मंडल होता है। इसकी कुल ऊंचाई 50 किलोमीटर तक होती है।
- इसके निचले भाग यानि 20 किलोमीटर तक में तापमान में किसी तरह का परिवर्तन नहीं होता है। इसीलिए इसे हम समतापमंडल कहते हैं।
- आमतौर पर इस मंडल में बादल देखने को नहीं मिलते हैं। लेकिन कई बार जलवाष्प के कारण थोड़े बहुत बादल दिखाई दे जाते हैं। जिसे हम लोग ‘मदर ऑफ पर्ल’ (Mother Of Pearl Cloud) के नाम से जानते हैं।
- इस मंडल को हम पृथ्वी का सुरक्षा कवच भी कहते हैं। क्योंकि इसके अंदर ओजोन परत भी पाई जाती है। जो कि सूर्य की तरफ से आने वाली पराबैगनी किरणें अवशोषित कर लेती है। जिससे वो पृथ्वी पर नहीं आ पाती हैं।
- यह मंडल वायुयान उड़ाने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। क्योकि यहां पर वायु एक दिशा में चलती है। जिससे उन्हें कोई खतरा नहीं होता है।
- समतापमंडल की बाहरी सीमा को समताप सीमा के नाम से हम लोग जानते हैं। जो कि ऊपर की तरफ होती है।
मध्यमंडल
- यह समतापमंडल के ऊपर होता है। इसकी ऊंचाई 80 किलोमीटर तक मानी जाती है
- इसकी खास बात ये होती है कि इसमें हम जितनी ऊंचाई तक जाते हैं उतना ही तापमान नीचे आने लगता है। यदि हम पूरे 80 किलोमीटर तक चले जाएं तो तापमान लगभग -100 डिग्री सेल्सियस तक चला आता है। इसलिए इसे सबसे ठंडा मंडल भी कहा जाता है।
आयनमंडल
- वायुमंडल की 5 परतों के नाम में मध्यमंडल के ऊपर यह 690 किलोमीटर तक पाया जाता है। जिसे हम लोग आयनमंडल के नाम से जानते हैं।
- इसकी खास बात ये होती है किे इसके अंदर कौन विधुत होते हैं। जिन्हें यह अवशोषित कर लेता है। इसीलिए इसे आयनमंडल के नाम से जाना जाता है।
- इस मंडल में बढ़ती ऊंचाई के साथ ताममान तेजी से बढ़ता है। जिससे यह बेहद गर्म हो जाता है। यही वजह है कि आसमान से गिरने वाले उल्का पिंड यहां आकर हमेशा जल जाते हैं। जिससे वो कभी पृथ्वी पर नहीं पहुंचते हैं।
- पृथ्वी की तरफ से भेजे गए संचार उपग्रह इसी मंडल में आकर खड़े रहते हैं। क्योंकि इसके अंदर DEF नाम से तीन परतें होती हैं जो कि पृथ्वी की तरफ से आने वाली तरंगों को दोबारा से पृथ्वी पर भेज देती हैं। जिससे रेडियो और टीवी प्रसारण में सहायता मिलती है।
- ध्रुवों पर दिखाई देने वाली लाल रंग की चमक इसी मंडल पर मिलती है। जिन्हें हम लोग उत्तरी प्रकाश ध्रुव और दक्षिणी प्रकाश ध्रुव के नाम से जानते हैं।
बाहरीमंडल
- वायुमंडल की 5 परतों के नाम में यह मंडल पृथ्वी से सबसे दूर स्थित होता है। जो कि आयनमंडल के ऊपर होता है। इसकी खास बात ये होती है कि इसका कोई अंत नहीं होता है। यह परत अंत में अंतरिक्ष में मिल जाती है।
- इस मंडल में हाइड्रोजन और हीलियम गैस की प्रधानता होती है। साथ ही माना जाता है किे इस मंडल के अंदर वायु काफी कम मात्रा में पाई जाती है।
- कई बार इस मंडल के अंदर तापमान 5 हजार डिग्री सेल्सियस के पार भी चला जाता है। लेकिन दूरी होने के चलते इसे हम लोग कभी अनुभव नहीं कर पाते हैं।
- यह एक ऐसा मंडल है जिसका मानव कोई प्रयोग नहीं करता है। इसकी सबसे बड़ी वजह इस मंडल में अधिक मात्रा में तापमान।
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वायुमंडल का महत्व
- ऑक्सीजन के सहारे जीवन जीने वाले लोगों के लिए वायुमंडल एक तरह से जीवन दायिनी का काम करता है। क्योंकि बिना वायुमंडल के पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं होता।
- वायुमंडल के अंदर जो भी धूलकण मौजूद होते हैं। वो वर्षा के अनुकूल माहौल पैदा करते हैं। जिसेसे पृथ्वी पर वर्षा होती है।
- ओजोन परत वायुमंडल के अंदर ही मौजूद होती है। जो कि हमें पराबैगनी किरणों से बचाती है। जिससे हमें कई घातक बीमारियां तक हो सकती हैं।
- यदि वायुमंडल ना होता तो सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर आ जाती। जिसे शायद हम लोग सहन भी ना कर पाते।
- वायुमंडल के अंदर ही बादल पाए जाते हैं। जिनकी वजह से बरसात तो होती ही है। साथ ही कई बार ये ही पृथ्वी पर मौसम परिवर्तन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Conclusion
आशा है Atmosphere layers in Hindi पढ़ने के बाद आप वायुमंडल की 5 परतों के नाम जान चुके होंगे। साथ ही ये भी जान चुके होंगे कि वायुमंडल की परतें कितनी होती है। यदि आपको हमारा ये लेख वायुमंडल की परतें पसंद आया है। तो इसे अपने दोस्तों तक भी अवश्य शेयर करें।