अच्छा फीचर कैसे लिखें?
Feature lekhan kya hai: फीचर आपने कई बार पढ़ा होगा। समाचारपत्रों और वेबसाइट में आमतौर पर फीचर लेख आप आसानी से देख सकते हैं। यह भी लेखन की एक कला है। जो कि बेहद सजावट के साथ लिखी जाती है। जिससे कभी पाठक बोर नहीं होता है।
यदि आप अभी तक नहीं जानते हैं कि फीचर लेखन क्या है। इसे किस तरह से लिखा जाता है। इसकी क्या विशेषताएं होती हैं। तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि Feature lekhan kya hai
फीचर क्या होता है?
फीचर कैसे लिखा जाता है इसके बारे में हम आपको आगे बताएंगे। लेकिन उससे पहले आइए एक बार आपको बताते हैं कि फीचर होता क्या है। (Feature lekhan kya hai) फीचर एक तरह का विशेष लेख होता है। जो कि हमेशा किसी खास विषय पर लिखा जाता है। इसके अंदर गंभीरता के साथ कुछ हल्का फुल्का अंदाज भी होता है। जिससे इसे हर वर्ग के लोग काफी रोचक तरीके से इसे पढ़ते हैं।
इसकी दूसरी खूबी ये होती है कि इसे पढ़ते हुए कभी कोई भी पाठक बोर नहीं होता है। जो कि इसे दूसरे लेखों से इसे काफी अलग बनाता है। आगे हम आपको लेख और फीचर में कुछ अंतर बताने जा रहे हैं। जिसकी मदद से आप फीचर को और बेहतर तरीके से समझ सकते हैं।
क्रम |
समाचार या लेख |
फीचर |
1. |
लेख केवल गंभीर विषयों पर गंभीरता के साथ लिखा जा सकता है। | फीचर किसी भी विषय पर आसानी से और हल्के अंदाज में भी लिखा जा सकता है। |
2. |
लेख पूरी तरह से तथ्यों पर आधारित होता है। | फीचर तथ्यों के साथ बेहतरीन शब्दावली का एक नमूना होता है। |
3. |
लेख कोई भी लेखक आसानी से लिख सकता है। | फीचर केवल वही लिख सकता है। जिसने पहले कई बार फीचर लिखा हो। साथ ही उसे शब्दावली का अच्छा ज्ञान हो। |
4. |
लेख के अंदर लेखक केवल तथ्यों के आधार पर अपनी राय बेहद सीमित तरीके से व्यक्त कर सकता है। | फीचर के अंदर लेखक खुलकर अपनी राय भी व्यक्त करता है। भले ही वह तथ्यों से परे क्यों ना जा रही हो। |
5. |
लेख कभी भी बिना तथ्यों के नहीं लिखा जा सकता है। क्योंकि इसके बिना पाठक कभी भी विश्वास नहीं करेगा। | फीचर बिना तथ्यों के भी केवल शब्दों को आधार बनाकर आसानी से लिखा जा सकता है। |
फीचर की परिभाषा
फीचर की अबतक कई परिभाषा दी जा चुकी हैं। लेकिन कभी भी किसी एक परिभाषा पर एकमत नहीं हुआ जा सका है। आइए आपको कुछ परिभाषा के बारे में बताते हैं जिससे आप समझ सकें कि Feature lekhan kya hai
डी.आर. विलियमसन के अनुसार
फीचर एक ऐसा सर्जनात्मक तथा कुछ अर्थों में स्वानुभूति मूलक लेख है। जिसका गठन किसी घटना स्थिति अथवा जीवन के किसी पक्ष के संबंध में लोगों को सूचना देने अथवा उनके मनोरंजन के उद्देश्य से किया गया हो।
जे.जे सिंडलर के अनुसार
कोई भी घटना या कोई व्यक्ति जिसमें अधिक से अधिक लोगों की रूचि हो वह समाचार है पर जब उस घटना या व्यक्ति के स्थिति के संबंध में समाचार से अलग तथ्यात्मक रूप से आलेख तैयार हो और उसमें जानकारी तथा मनोरंजन रहित तो वह फीचर है।
जितेंद्र गुप्त के अनुसार
जो घटनाएं अलग-अलग समाचारों के प्रकाशित या प्रसारित होकर ही अपना अर्थ स्पष्ट नहीं कर पाते या जिनका भावनात्मक और मार्मिक पक्ष उभर कर सामने नहीं आ पाता लेकिन वे जीवन के परिवेश को समझने के लिए जरूरी है उन्हें समेट कर सुव्यवस्थित और सर्जनात्मक रूप से तैयार किये आलेख को फीचर कहते हैं।
डॉ मधुभवन के अनुसार
फीचर लेख एक ऐसा शब्द चित्र है जिसमें तथ्यों का स्पष्ट और प्रमाणिक विश्लेषण होता है जो कुतूहल और सत्य नामक दो आधार स्तंभों पर टिका होता है।
फीचर के प्रमुख प्रकार
- न्यूज़ फीचर या समाचार रूपक
- व्यक्तिपरक फीचर
- पौराणिक फीचर
- चित्रात्मक फीचर या फोटो फीचर
- लोक रूचि या रुचिपरक फीचर
- उदेश्य पूर्ण फीचर
- वैचारिक फीचर
- साहित्यिक फीचर
- सर्वकालिक विषयक फीचर
- मनोरंजक फीचर
फीचर कैसा होता है?
आगे हम आपको एक फीचर लिखकर दिखाने जा रहे हैं। जिसकी मदद से आप आसानी से समझ सकते हैं। कि फीचर किस तरह का होता है। साथ ही जब आप अगली बार से कहीं फीचर पढ़ेंगे तो आसानी से उसे पहचान भी सकेंगे। ये आपको समझने में मदद करेगा कि Feature lekhan kya hai
बिना प्यास के भी पिएँ पानी
सर्दी के मौसम में वैसे तो सब कुछ हमारे शरीर में हजम हो जाता है। इसलिए आप जो मर्जी खाएँ। इसके अलावा सर्दी के मौसम में पानी पीना शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। गर्मी के दिनों में तो बार-बार प्यास लगने पर व्यक्ति पर्याप्त मात्रा में पानी पी ही लेता है, लेकिन सर्दी के मौसम में वह इस चीज को नजरअंदाज कर देता है। क्योंकि उसे पानी पीने से और ज्यादा ठंड लगती है।
परन्तु ऐसा नहीं होना चाहिए। क्योंकि मौसम चाहे सर्दी का हो या फिर गर्मी का, शरीर को पानी की जरूरत तो हमेशा होती है। जब तक शरीर को पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलेगा, तब तक शरीर का विकास भी सही तरीके से नहीं हो सकेगा।
माना कि सर्दी में प्यास नहीं लगती, लेकिन हमें बिना प्यास के भी पानी जरूर पीना चाहिए। पानी पीने से एक तो शरीर की अंदर से लगातार सफ़ाई होती रहती है। इसके अलावा पथरी की शिकायत भी अधिक पानी पीने से काफी हद तक दूर हो जाती है। पानी पीने से शरीर की पाचन-शक्ति भी सही बनी रहती है साथ ही पाचन-रसों का स्राव भी जरूरत के अनुसार होता रहता है।
बिना पानी के शरीर अंदर से सूखा हो जाता है, जिससे शारीरिक क्रियाओं में रूकावट उत्पन्न हो जाती है। विज्ञान में पानी को हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन का मिश्रण माना गया है और ऑक्सीजन हमारे जीवन के लिए सबसे जरूरी गैस बताई गई है। इसी वजह से पानी को भी शरीर के लिए सबसे जरूरी माना गया है, चाहे सर्दी का मौसम हो या फिर तपती गर्मी का मौसम।
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फीचर लेखन के तत्व
Feature lekhan kya hai इसे समझने के लिए आपको फीचर के तमाम तत्वों को समझना बेहद जरूरी है। जिनको आधार बनाकर ही कोई फीचर लिखा जा सकता है। आइए आपको उन तत्वों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं।
- विषय चयन
- विषय सामग्री संकलन
- प्रस्तावना या भूमिका
- विश्लेषण से मध्य तक
- निष्कर्ष
- उपयुक्त शीर्षक
- फोटो चयन
विषय चयन
फीचर में किसी भी लेखक के लिए सबसे अहम होता है कि उसके फीचर का विषय कौन सा होगा जो कि हर किसी को पसंद आए। इसके लिए उसको उस समय के नियमित समाचारपत्र और टीवी चैनलों की मदद लेनी चाहिए। इनके जरिए पता चल सकता है कि जनता किस चीज को पढ़ना चाहती है।
यहां से आपको जानकारी मिल जाएगी कि वर्तमान में ऐसा कौन सा विषय है जो कि जनता के बीच सबसे लोकप्रिय है। विषय चयन में आप एक बात का ध्यान रखिए कि कभी भी आप अपनी पसंद का विषय ना चुनें। हमेशा उस विषय के साथ जाएं जो कि जनता के बीच लोकप्रिय है।
विषय सामग्री संकलन
विषय चुनने के बाद आपके सामने उससे जुड़ी जानकारी जुटाने की बारी आती है। इसके अंदर आप इंटरनेट की मदद ले सकते हैं। साथ ही उससे जुड़ी खबरों का अध्यन्न कर सकते हैं। इससे आपको उस विषय से जुड़ी सभी जानकारी आसानी से मिल जाएंगी। जो कि आप अपने फीचर के अंदर बता सकते हैं।
जानकारी तलाशने के साथ आप उस विषय पर आपसे पहले लिखे गए फीचर भी पढ़ सकते हैं। लेकिन ध्यान ये रखें कि आप किसी भी फीचर की नकल ना करें। बस वहां से दूसरे लेखकों की लेखन शैली देख सकते हैं।
भूमिका या आरंभ
अब आपको सबसे पहले अपने फीचर की भूमिका देनी होगी। जो कि बेहद ही खास होनी चाहिए। क्योंकि भूमिका पढ़कर ही कोई भी पाठक तय करता है कि उसे अंत तक फीचर पढ़ना चाहिए या नहीं।
इसके अंदर आप अपने शब्दों और विषय के हिसाब से बेहतर से बेहतर तरीके का प्रयोग कर सकते हैं। जिससे पाठक पूरे फीचर को पढ़ने को मजबूर हो जाए। कोशिश कीजिए कि भूमिका इस तरह के धारा प्रवाह में लिखी गई हो जिससे पाठक को पता ही ना चले कि कब उसने पूरा फीचर पढ़ दिया।
विषय का विश्लेषण
जैसे ही आप भूमिका पूरी कर लेते हैं। उसके बाद आपको जरूरत होती है कि आप विषय का विश्लेषण करें। विषय के विश्लेषण के दौरान आप तथ्यों के साथ अपने शब्दों के जाल का प्रयोग भी करें। कोशिश करें कि दोनों का ऐसा सामंजस्य बैठ जाए जिससे आपके पाठक को तथ्य पढ़ने में भी बोरियत महसूस ना हो।
विश्लेषण में आप कभी भी बात को ना तो बहुत लंबा रखें ना ही उसे जरूरत से ज्यादा छोटा रखें। कोशिश करें कि आपकी बात जितने शब्दों में समाप्त होने वाली हो उसे उतने में समाप्त कर दें।
निष्कर्ष
फीचर में सभी जानकारी देने के बाद बारी आती है उसका अंत करने की। अंत हमेशा आप बेहतर तरीके से कीजिए। जिससे पाठक को कभी ऐसा भी ना लगे कि उसे आधी अधूरी जानकारी दी गई या बात को लंबा खींच कर बताया गया है।
संभव हो तो आप फीचर से जुड़ी कोई ऐसी जानकारी अंत में साझा कर दें। जिससे आपका पाठक फीचर पढ़ने के बाद भी उसके बारे में सोचने को मजबूर हो जाए। यदि पाठक आपका लिखा फीचर पढ़कर अंत में अपने दिमाग पर जोर देकर विचार करता है, तो समझिए कि आपका लिखा हुआ फीचर सफल हो गया।
निष्कर्ष देते समय आप इस बात का ध्यान रखें कि पाठक को इस बात का अहसास ना हो कि अब वो फीचर के अंतिम पड़ाव पर आ चुका है।
शीर्षक
सबसे अंत में आपका काम होता है कि आपने फीचर के अंदर जो कुछ भी लिखा हो उस सभी को मिलाकर एक शीर्षक दे दीजिए। शीर्षक अपने आप में बेहद खास होता है। इसलिए शीर्षक देने से पहले आप अपने दिमाग में कई शीर्षक पर विचार कर लीजिए। इसके बाद आपको जो शीर्षक सही लगे उसे दे दीजिए।
ध्यान ये रखिए कि आप शीर्षक ऐसा दीजिए कि जिसके अंदर कुछ चीजें साफ हो रही हों और कुछ चीजें पाठक को फीचर पढ़ने की तरफ खींच रही हों। साथ ही शीर्षक कभी बहुत लंबा ना हो। कम शब्दों में सटीक शीर्षक सबसे उपयुक्त माना जाता है।
फोटो
सबसे अंत में आपको अपने फीचर से जुड़ा एक फोटो देना होता है। जिसके अंदर आप चाहें तो कोई इंटरनेट से उठाया हुआ फोटो दे सकते हैं या किसी कार्टून आदि को भी उसके अंदर जगह दे सकते हैं। कोशिश करें कि फोटो ऐसा हो जिसके अंदर भी किसी तरह का संदेश छिपा हो। क्योंकि कहा जाता है कि एक फोटो हजार शब्दों के बराबर होता है। इसलिए फोटो का चयन सोच समझ कर करें।
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फीचर के कुछ अन्य तत्व
- किसी भी फीचर के अंदर सूचना, शिक्षा और मनोरंजन का पूरी तरह से समावेश होना चाहिए। इनके बिना केाई भी फीचर कभी पूरा नहीं माना जाएगा।
- Feature lekhan kya hai इसे समझने के बाद आप समझ गए होंगे कि फीचर पूरी तरह से सत्यता पर आधारित होना चाहिए। पाठक को प्रभावित करने के लिए फीचर के अंदर कभी भी झूठे तथ्यों का समावेश ना करें।
- फीचर समसामयिक होना चाहिए। लोगों के सामाजिक और आर्थिक जीवन के निकट होना चाहिए। उन्हें पढ़कर ऐसा प्रतीत हो कि लेखक उनके जीवन की कहानी ही बता रहा है।
- फीचर का चित्रात्मक होना बेहद जरूरी है। पाठक जब कोई भी फीचर पढ़ रहा हो तो उसके मन में उस तरह के भाव और जहन में उसकी तस्वीर बननी चाहिए।
- फीचर में धारा प्रवाह होना चाहिए। जिससे पाठक को किसी तरह से अटपटा ना लगे। उसकी भाषा सरल और सहज होनी चाहिए। जिससे एक आठवीं पास इंसान भी उसे आसानी से पढ़ सके और पीएचडी कर रहा विद्वान भी उसे पढ़ सके।
फीचर लेखक के गुण
- आप किसी तरह के भी लेखक बनना चाहते हों। इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप खूब पढें। इससे आपको भाषा की समझ तो आएगी ही साथ ही आपकी जानकारी भी विस्तृत होगी।
- यदि आप फीचर लेखक बनते हैं तो जाहिर सी बात है कि आपका लिखा हुआ अनगिनत लोग पढ़ेंगे। इसके लिए जरूरी है कि आपके पास जानकारी का भण्डार हो। जिससे आप जो भी लिखें वह पूरी तरह से सही और तथ्यों पर आधारित हो।
- फीचर लेखक कोई भी इंसान केवल एक दिन में नहीं बन जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप लगातार लिखते रहें। उसके अंदर अपनी गलती सुधारते रहें। यही आपको एक दिन बेहतर फीचर लेखक बना देगी।
- आप चाहे किसी भी भाषा के फीचर लेखक हों। पर एक अच्छा फीचर लेखक वही होता है। जिसे कई भाषाओं का ज्ञान होता है। जैसे कि आप हिन्दी के अंदर लिखते हैं, तो आपको अंग्रेजी का ज्ञान होना एक तरीके से अनिवार्य है। इससे आप Feature lekhan kya hai और अच्छे से समझ सकते हैं।
- एक लेखक होने के नाते आपका ये दायित्व बनता है कि आप अपने पाठकों को अपने किसी तरह के पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जानकारी ना दें। ये आपको कुछ समय के लिए वाहवाही दे सकता है। पर आगे चलकर आपकी आलोचना ही देखने को मिलेगी।
- कोई भी फीचर लेखक खुद से अपने सफल और असफल होने का आकलन नहीं कर सकता है। इसलिए इस काम को हमेशा अपने पाठकों पर छोड़ दें। उनकी जो भी प्रतिक्रिया देखने को मिले वही आपकी सफलता और असफलता है।
- एक लेखक कभी भी पूर्ण नहीं होता है। हमेशा उसके अंदर कुछ नया जानने की जिज्ञासा बनी रहती है। इसलिए उम्र के किसी भी पड़ाव पर आप ये ना सोचें कि अब आप सबकुछ जानकर तृप्त हो गए हैं।
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Conclusion
आशा है कि आप हमारे इस लेख को पढ़कर समझ गए होंगे कि Feature lekhan kya hai इसके बाद आप किसी भी विषय पर आसानी से फीचर लिख सकते हैं। साथ ही फीचर से जुड़ी तमाम जरूरी बातों का भी लिखने के दौरान ध्यान भी रखिए। यदि आपको हमारा ये लेख अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी अवश्य शेयर करें। साथ ही कमेंट बॉक्स में अपनी राय भी जरूर साझा करें।