Insan ka janm kaise hua: पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ इसकी कहानी अपने आप में काफी रोचक है। क्योंकि आज के समय में भी सही से ये कह पाना कि इंसान का जन्म इसी तरह से हुआ है। ये काफी कठिन काम है। इसलिए यदि आप जानना चाहते हैं कि पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ तो हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए।
अपने इस लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ। इसकी क्या कहानी है। साथ ही जन्म से लेकर मुनष्य के अंदर कितने बदलाव देखने को मिले। उसके बारे में भी जानकारी देंगे।
पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ?
पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ इसकी शुरूआत आज से करोड़ों साल पहले हुई थी। कहा जाता है कि पहले पृथ्वी पर डायनासोर और अन्य तरह के जीव जंतु की हुआ करते थे। उसमें कुछ जानवर छोटे तो कुछ जानवर बहुत की बड़े आकार के होते थे।
लेकिन एक बार आसमान से कोई उल्का पिंड पृथ्वी की तरफ आना शुरू हुआ। जिससे पृथ्वी का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया। क्योंकि वो उल्का पिंड बहुत ही गर्म और विशालकाय था। इसकी वजह से पृथ्वी का तापमान इतना ज्यादा हो गया कि कोई भी जीव पृथ्वी पर नहीं बचा। जिससे एक तरह से पृथ्वी पर पूरी तरह से जीवों का अंत हो गया। साथ ही हर चीज पिघलकर भांप बनकर आसमान की तरफ जाने लगी।
पृथ्वी पर इंसान के जीवन की शुरूआत?
पृथ्वी पर इंसान की शुरूआत की अपने आप में कई कहानियां हैं। धर्म के अनुसार कहा जाता है कि इंसान सबसे पहले ब्रम्हा जी देन है। लेकिन विज्ञान मानता है कि सबसे पहले इंसान बने थे। इसके बाद धीरे धीरे इनकी आबादी बढ़ती गई और पृथ्वी के चारों तरफ इंसान ही इंसान फैल गए। जिससे आज के समय हम लोग इंसान की सभ्यता के तौर पर देखते हैं।
पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ इसकी सबसे पहली शुरूआत आदिमानव के रूप में देखने को मिली। इंसान सबसे पहले जंगलों में बिना कपड़ों के घूमता था। इसके बाद देखा गया कि इंसान ने जंगली पत्तों को वस्त्र के रूप में प्रयोग करना शुरू किया। साथ ही जंगल में फल आदि खाकर अपनी भूख को शांत किया। ताकि उनका जीवन बचा रह सके।
इसके बाद इंसान ने पत्थर से पत्थर बजाकर आग की खोज की। जिसके बाद वो कई चीजें पकाने लगा। जिससे उसके पास कच्चे भोजन को भी खाने का विकल्प आ गया। माना जाता है कि आग की खोज अपने आप में एक क्रांति की तरह थी। जिसके बाद इंसान मांस आदि खाने की बजाय कच्चा भोजन भी पका कर खाने लगा।
इस तरह से आगे चलकर पहिए की खोज की। जिससे इंसान को समझ आया है कि पहिए की मदद से आसानी से एक दूसरी जगह जाया जा सकता है। जिससे कि इंसान के लिए आवागमन काफी सुगम हो गया। पहिए की खोज इतनी क्रांतिकारी थी कि आज भी इंसान ने साइकिल से लेकर हवाई जहाज तक जितने भी साधन बनाए हैं। सभी के अंदर पहिए का प्रयोग ही होता है।
इसके बाद इंसान के अंदर सोचने समझने की ताकत आई। जिससे वो हर रोज अपने जीवन को आसान बनाने के लिए नई नई चीजों के बारे में सोच सकता था। साथ ही उनका प्रयोग अपने जीवन में कर सकता था। इसमें आज हम वो सभी चीजें देख सकते हैं। जो कि हमारे काम को बेहद आसान कर रही हैं।
जैसे कि आज हम मोबाइल से एक मिनट में दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से बात कर सकते हैं। इसके अलावा हवाई जहाज की मदद से कुछ घंटों में कई देशों की यात्रा कर सकते हैं। गर्मी सर्दी से बचने के लिए हमारे पास आज एसी (AC) और हीटर जैसे साधन हैं। खास बात ये है कि इंसान लगातार नई नई खोज करता जा रहा है। जिससे वो अपने जीवन को और ज्यादा आसान बना सके।
FAQ
पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ?
माना जाता है कि इंसान का जन्म आज से 8 से 9 हजार करोड़ वर्ष पहले हुआ था। जिसकी कहानी आज भी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो सकी है।
पृथ्वी पर से डायनासोर कैसे खत्म हुए?
माना जाता है कि इंसान से पहले पृथ्वी पर डायनासोर हुआ करते थे। इसके बाद एक उल्का पिंड की गर्मी से इनकी समाप्ति हो गई। जिसके बाद इंसान का जन्म हुआ।
आदिमानव आज के इंसान से बेहद अलग हुआ करता था। वो जंगलों में रहता था और फल और जंगली जीवों का शिकार करके भोजन करता था।
पृथ्वी पर से इंसान कब खत्म होंगे?
आज के समय ये कह पाना कि पृथ्वी पर से इंसान कब समाप्त होंगे ये बड़ा कठिन है। क्योंकि वैज्ञानिक बताते हैं कि आज के करोड़ों साल आगे तक इंसान के जीवन पर किसी तरह का पृथ्वी पर संकट नहीं नजर आ रहा है।
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Conclusion
आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि पृथ्वी पर मनुष्य का जन्म कैसे हुआ। इसे जानने के बाद आप समझ गए होंगे कि इंसान का जन्म पृथ्वी पर आज के करोडों साल पहले हुआ था। लेकिन उस समय का इंसान और आज के इंसान में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहा है। इसलिए कहा जा सकता है कि इंसान ही दुनिया में एकमात्र ऐसा प्राणी है। जो कि सबसे समझदार और सोचने समझने की शक्ति रखता है।