संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के नाम | संयुक्त राष्ट्र संघ के कितने अंग है?
Sanyukt Rashtra Sangh ke kitne ang hai: यदि आप संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के नाम जानने के उत्सुक है तो यह बिलकुल सही जगह है। यहाँ हम आपको बताएँगे कि United Nations Organisation (UNO) क्या है, UNO की प्रमुख विशेषताए और संयुक्त राष्ट्र संघ के कितने अंग है?
दुनिया में जब भी कोई विवाद हुआ होगा तो आपने UNO का नाम जरूर सुना होगा। साथ ही यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, तो भी आपने इससे जुड़े बहुत सारे प्रश्न परीक्षा मे देखें होंगे। इसकी वजह ये हैं कि UNO दुनिया का एक बेहद ही महत्वपपूर्ण संगठन है। जो पूरी दुनिया को लेकर काम करता है। साथ ही इससे दुनिया का हर देश किसी ना किसी रूप में जुड़ा है।
लेकिन यदि आप UNO बारे में नहीं जानते हैं तो आप हमारे इस लेख को अंत तक पढि़ए। हमारे इस लेख को पढ़ने के बाद आप UNO के बारे में तो जान पाएंगे ही साथ ही Sanyukt Rashtra Sangh ke kitne ang hai इस बारे में भी आपको पूरी जानकारी मिल जाएगी। तो चलिए जानते हैं संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के नाम क्या है?
संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) क्या है?
इससे पहले कि हम यह जाने कि संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के नाम क्या है, हमें यह जरूर जान लेना चाहिए कि आखिर United Nations Organisation (संयुक्त राष्ट्र संघ) क्या है।
UNO का पूरा नाम United Nations Organisation यानि ‘संयुक्त राष्ट्र संघ’ है। लेकिन इसे आम बोलचाल की भाषा में UNO ही कहा जाता है। इसकी स्थापना साल 1945 में की गई थी। इसका मुख्यालय न्यूयोर्क में स्थित है। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में शांति व्यवस्था को कायम करना था। साथ ही तीसरे विश्व युद्ध को होने से रोकना था। जो कि अभी तक नहीं हुआ है।
यह इसकी एक सफलता है। इससे पहले ऐसा कोई भी संघटन नहीं था जो कि पूरी दुनिया पर निगरानी और शांति बनाए रखने का काम करता हो। इसकी स्थापना के दौरान इसके सदस्य कुल 51 देश थे, जो कि आज बढ़कर 193 देश हो गए हैं। यानि लगभग दुनिया के सभी मान्यता प्राप्त देश आज इसके सदस्य बन गए हैं।
UNO (United Nations Organisation) की प्रमुख विशेषताएं
UNO की सबसे पहली विशेषता यही है कि आज लगभग इसका सदस्य दुनिया का हर देश है। साथ ही इसकी टिप्पणी को हर देश पूरी गंभीरता से लेता है। साथ ही इसके कामकाज की कुल 6 भाषाएं निर्धारित हैं। जिनमें अंग्रेजी, अरबी, फ्रांसीसी, चीनी, स्पेनी और रूसी भाषा शामिल है। साथ ही इसका एक झंडा भी है।
UNO की तरफ से जब भी कोई फैसला आता है, तो इसका मलतब ये नहीं है किे केवल इसके कुछ लोग मिलकर वो फैसला दे देते हैं। इसके लिए देशों की Voting होती है। जिसके बाद जो मत निकल कर आता है, वही फैसला UNO की तरफ से अधिकारिक होता है। इसके सभी नियम कायदों के लिए एक लिखित संविधान भी बनाया गया है। जिसका पालन करना इसके सभी सदस्यों को अनिवार्य रूप से करना होता है।
संयुक्त राष्ट्र के कुछ प्रमुख उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के नाम जानने से पहले चलिए यह जान लेते है कि UNO प्रमुख उद्देश्य क्या है।
- दुनिया के सभी देशों में शांति व्यवस्था बनाए रखना।
- सभी देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबध कायम रखना।
- अंतराष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखना।
- दुनिया के सभी पिछड़े देशों को आर्थिक मदद करना।
- सभी देशों में मानव अधिकारों पर नजर बनाए रखना। उल्लंघन होने पर उन्हें चेतावनी और दंड़ देना।
- अंतराष्ट्रीय स्तर पर जो कानून बने हैं। उनका पालन करने के लिए सभी देशों को प्रेरित और बाध्य करना।
संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के नाम
पूरी दुनिया में हर चीज पर नजर रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ के कुछ अंग बनाए गए। जिनका काम अलग अलग बांटा गया। ताकि सभी अंग अपना काम बेहतर तरीके से कर सकें। यदि आप यह जानना चाहते है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के कितने अंग है तो मै आपको बता दूँ कि uno के अंगों की कुल संख्या 6 है। आइए हम आपको संयुक्त राष्ट्र के प्रत्येक अंग के बारे में विस्तार से बताते हैं।
संयुक्त राष्ट्र संघ के अंग
- महासभा
- सुरक्षा परिषद
- आर्थिक एंव सामजिक परिषद
- अंतराष्ट्रीय न्यायालय
- न्यास परिषद या ट्रस्टीशिप काउंसिल
- सचिवालय
चलिए अब एक एक करके विस्तार में हम संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के बारे में जानते है।
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महासभा
- महसभा इसका सबसे महत्वपूर्ण अंग है। इसका काम होता है किे यह दुनिया के सभी मुद्दों पर बैठक करे और उस पर विचार विर्मश करे। इस बैठक में हर सदस्य देश का प्रतिनिधि भाग लेता है।
- इस महासभा में UNO के सभी सदस्य देश शामिल होते हैं। साथ ही सभी देश के पास एक वोट देने का अधिकार भी होता है। जिसे वो महासभा की बैठक में दे सकते हैं। जिसके आधार पर किसी भी मुद्दे पर निर्णय होता है।
- महासभा की बैठक साल में एक बार होनी अनिवार्य होती है। लेकिन यदि जरूरी हो तो इसकी बैठक और भी बार बुलाई जा सकती है।
- UNO का ही एक अंग सुरक्षा परिषद भी होता है। यदि सुरक्षा परिषद किसी बात पर पहले से विचार कर रही हो तो उस समय उस मुद्दे पर महसभा विचार नहीं कर सकती है। ना ही बैठक करके कोई फैसला दे सकती है।
- UNO का हर साल एक बजट भी तैयार होता है। महासभा इस पर भी बैठक करती है और इसे अपनी मंजूरी देती है। तब जाकर ये बजट पास होता है। जिससे UNO का कामकाज का खर्च निकलता है।
सुरक्षा परिषद
- सुरक्षा परिषद दुनिया में शांति व्यवस्था कायम करने का काम करती है। इसके कुल 15 देश सदस्य हैं।
- सुरक्षा परिषद के कुल 5 देश स्थाई सदस्य होते है। जिनमें चीन, फ्रांस, रूस, अमेरिका, ब्रिटेन शामिल हैं। जो कि शुरूआत से ही इसके स्थाई सदस्य बन गए थे। साथ ही इनके अलावा हर दो साल के लिए 10 अस्थाई सदस्य चुने जाते हैं। जो कि हर बार बदलते रहते हैं। किसी फैसले के दौरान इनकी राय भी ली जाती है।
- इसके 5 स्थाई सदस्यों को ‘वीटो पावर’ प्राप्त है। जिसका मतलब ये है कि जब तक ये सभी देश एकमत नहीं होंगे तब तक सुरक्षा परिषद कोई कठोर फैसला नहीं ले सकती है।
- यदि कोई भी नया देश UNO का सदस्य बनना चाहता है, तो इसके लिए वो सुरक्षा परिषद में ही अपना आवेदन करेगा। सुरक्षा परिषद इस पर विचार करके अपना फैसला देती है। यदि सुरक्षा परिषद उसे मान्यता दे देती है। तो वो सदस्य बन जाएगा।
- सुरक्षा परिषद की खास बात ये होती है कि इसके सभी देशों के एकमत होने पर किसी भी देश के खिलाफ ये सैनिक कार्रवाई भी कर सकती है।
आर्थिक एंव सामजिक परिषद
- UNO की इस परिषद में कुल 54 सदस्य हैं। साथ ही इसकी बैठक साल में दो बार न्यूयोर्क और जेनेवा में होती है।
- यह परिषद अपनी बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा और सामजिक मुद्दों पर बैठकर विचार करती है। साथ ही उनमें किस तरह सुधार किया जा सकता है इस पर अपनी राय जाहिर करती है।
- इस परिषद के पास कई विषय होने के चलते इसकी मदद देशों के अंदर बने तमाम आयोग जो कि सामजिक मुद्दों पर काम करते हैं। वो इसकी मदद करते हैं। साथ ही अपनी रिपोर्ट इसे भेजते हैं।
- इस परिषद की 54 सीटों को दुनिया के सभी महाद्रीपों में बांटा गया है। ताकि सभी देशों को इसके अंदर पूरा मौका मिल सके।
अंतराष्ट्रीय न्यायालय
- अंतराष्ट्रीय कोर्ट की स्थापना नीदरलैंड के ‘हेग’ शहर में की गई है। इसका मकसद दुनिया के जब भी दो देशों में किसी बात को लेकर विवाद हो जाए तो उस समय दोनों पक्षों को सुनकर इस कोर्ट को अपना फैसला सुनाना होता है।
- इस कोर्ट में कुल 15 जज होते हैं। जिनका कार्यकाल 9 वर्ष का होता है। इसमें जज चुनने का काम महासभा और सुरक्षा परिषद मिलकर करती हैं। इनकी बैठक होती है और उसमें निर्णय लिया जाता है कि किसे जज के तौर पर आगे नियुक्त करना है।
- इस कोर्ट का काम कुल तीन भागों में बांटा गया है। जिसमें ऐच्छिक, सलाहकारी व अनिवार्य है। इनका प्रयोग ये कोर्ट फैसला देने के दौरान करती है। जो कि इस ये बताता है कि ये फैसला किसी देश को मानने के लिए कितना तत्पर रहना है।
न्यास परिषद या ट्रस्टीशिप काउंसिल
- वर्ष 1994 में इस परिषद को स्थगित कर दिया गया था। क्योंकि इसके पास उस दौरान कोई भी कार्य नहीं बचा था जो कि ये आगे कर सके।
- इसकी स्थापना के दौरान इसको कार्य सौपा गया था कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जो भी प्रदेश एक दूसरे देश के हवाले किए गए थे, उनका विकास देखना। ताकि उनके साथ किसी तरह का भेदभाव ना हो सके।
- न्यास परिषद के पास उस दौरान कुल 11 राष्ट्र सौपे गए थे। जिनकी देख रेख करना इसका काम था। जो आज या तो स्वतंत्र राष्ट्र हैं या संपन्न राष्ट्र बन चुके हैं। इसलिए अब उनके देख रेख की जरूरत बची नहीं है।
सचिवालय
- UNO में इसे प्रशासनिक सचिवालय भी कहा जाता है। जो कि इसके सभी कागजी कामकाज को देखता है।
- इसका प्रमुख ‘महासचिव’ होता है। जो कि सुरक्षा परिषद की सिफारिश के बाद महसभा के द्वारा नियुक्त किया जाता है। इसका कार्यकाल कुल 5 साल का होता है।
- महासचिव अपने कार्यकाल के दौरान UNO की सुरक्षा परिषद, आर्थिक परिषद, सामजिक परिषद और महासभा की सभी बैठकों में भाग ले सकता है। लेकिन उनमें किसी तरह का वोट आदि नहीं दे सकता है।
UNO की क्यों होती है आालोचना?
ऐसा नहीं है कि UNO की सभी देश एक सुर में तारीफ ही करते हैं। आज बहुत से कारण ऐसे भी हैं। जिसके चलते इसकी आलोचना भी होती है। आइए आपको UNO की आलोचना के कुछ प्रमुख कारण के बारे में बताते हैं।
- माना जाता है कि संयुक्त राष्ट्र के कई फैसले पश्चिमी देशों से प्रभावित होकर लिए जाते हैं। जिससे कई बार छोटे और गरीब देशें को नुकसान होता है।
- संयुक्त राष्ट्र को कई बार बिना दांत वाला शेर भी कहा जाता है। क्योंकि अक्सर छोटे देश तो इसके फैसले मान लेते हैं, पर जब बड़े देशों पर बात आती है तो इसका फैसला उनके लिए कोई विशेष मायने नहीं रखता है। ना ही संयुक्त राष्ट्र उन्हें इसके लिए कभी दंडि़त कर पाता है।
- हमने आपको ऊपर बताया कि संयुक्त राष्ट्र के पांच ऐसे देश हैं जो कि स्थाई सदस्य के तौर पर हैं और उनके पास वीटो पावर भी है। इसलिए उन देशों की इच्छा के बिना संयुक्त राष्ट्र कोई बड़ा फैसला नहीं ले सकता है। इसलिए कहा जा सकता है कि इसके फैसले अक्सर उन पांच देशों से पूरी तरह से प्रभावित होते हैं।
- इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र में किसी फैसले पर सभी देशों का मत जानने के लिए वोटिंग जरूर होती है। लेकिन अक्सर देखा जाता है कि वोटिंग से पहले ही सभी देश बता देते हैं कि वो अपना मतदान किस पक्ष में देने जा रहे हैं। जिससे वोटिंग की गोपनीयता खत्म हो जाती है।
- यह बात सच है कि संयुक्त राष्ट्र की स्थापना के बाद से ही अभी तक तीसरा विश्व युद्ध नहीं हुआ है। लेकिन इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि आज भी दुनिया के कई देशों में छोटे स्तर पर युद्ध, मानव अधिकारों का उल्लंघन खुलेआम होता है, पर संयुक्त राष्ट्र या तो उन पर चुप रहता है या कोई कड़ा फैसला नहीं लेता है।
- संयुक्त राष्ट्र के अंदर स्थाई सदस्यों को अब तक ना तो कभी बदला गया है ना ही उनमें किसी और देश को जोड़ा गया है। इसलिए कहना गलत नहीं होगा कि इससे भारत जैसे देश का स्थाई सदस्य बनने का सपना अधूरा रह गया है।
आज आपने क्या सीखा?
आज आपने United Nations Organisation (UNO) क्या है, UNO की प्रमुख विशेषताए और संयुक्त राष्ट्र संघ के कितने अंग है, संयुक्त राष्ट्र संघ के अंगों के नाम क्या है। आशा है अब आपको इसका जवाब मिल चूका होगा कि sanyukt rashtra sangh ke kitne ang hai. अगर जानकरी अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों तक भी पहुचाएं।