Trading kya hai- ट्रेडिंग क्या है : नमस्कार दोस्तों आशा करते है आप अच्छे होंगे, स्वागत है आपका आज के हमारे इस नए पोस्ट में जहाँ हम ट्रेडिंग तथा उससे जुड़े सभी अहम पहलुओं पर ध्यान देंगे।
आज इस पोस्ट के माध्यम से हम ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? यह जानेंगे और हम कोशिश करेंगे की आप के मन में ट्रेडिंग से जुड़े जितने भी सवाल है सभी का एक एक करके उत्तर दे सके। चलिए अब हम अपने इस लेख को आगे बढ़ाते है और आपको यह बताते है कि ट्रेडिंग क्या है।
ट्रेडिंग क्या है?
दोस्तों आज के दौर में इंटरनेट की मदद से पैसा कमाना काफी सरल हो चुका है, कोई भी ऐसा नहीं जिसके पास आज के समय में इंटरनेट न हो, अभी सोशल मीडिया में भी ट्रेडिंग की बाते काफी तेज़ी से फ़ैल रही है जिससे कुछ लोग आपके पैसो को ठग भी रहे है।
दोस्तों ट्रेड मार्केट भी काफी हद तक स्टॉक मार्केट के जैसा ही है जहा हम कंपनी के स्टॉक को खरीदते है तथा उन्हें बेचते है। स्टॉक मार्केट से ख़रीदे हुए स्टॉक्स हम काफी लम्बे समय तक अपने पास रखते है तथा उसकी कीमत बढ़ने पर बेच भी देते है लेकिन ट्रेड मार्केट में ऐसा नहीं होता यहाँ पर कभी-कभी आपको अपने नुकसान में भी स्टॉक को बेचना पड़ता है वही कुछ ट्रेडिंग के तरीके ऐसे भी है जो स्टॉक मार्केट के जैसा ही काम करते है लेकिन वो स्टॉक मार्केट के अंग नहीं होते।
ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?
ट्रेडिंग क्या है यह जानने के बाद चलिए अब हम ट्रेडिंग के अलग-अलग तरीको पर अपनी नज़र डालते है तथा एक एक करके सभी को समझने की कोशिश करते है।
इंट्राडे (Intraday) ट्रेडिंग क्या है?
दोस्तों इंट्रा डे ट्रेडिंग को हम same day ट्रेडिंग के नाम से भी जानते है, इसमें अगर आप किसी भी स्टॉक को खरीदते है तो आपको उस स्टॉक तो उसी दिन मार्केट के बंद होने से पहले बेचना पड़ता है। ट्रेडिंग का यह रूप निवेशकों को मार्जिन का उपयोग करने देता है, जहां वे ब्रोकर से क्रेडिट प्राप्त करते हैं, तथा उस प्राप्त हुए क्रेडिट को निवेश भी कर पाते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में रिस्क काफी कम होता है, क्योंकि आपके पास एक स्टॉक थोड़े टाइम के लिए ही रहता है, लेकिन ये उस वक़्त ज्यादा रिस्की हो जाता है, जब आप किसी ब्रोकर से margin में काफी ज्यादा पैसे ले लेते हैं। इस ट्रेडिंग में काफी कम पैसों की जरूरत होती है तथा आपका रिस्क भी इंट्रा डे ट्रेडिंग में काफी कम होता है।
अगर हम इस ट्रेडिंग के नेगेटिव साइड को देखें तो बस वह यह है की आप यहां से एक हाई रिटर्न की उम्मीद नहीं रख सकते क्योंकि आपको सेम डे ही अपने खरीदे हुए स्टॉक को बेचना पड़ता है, साथ ही अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको अपना पूरा दिमाग और समय अपने खेड़े हुए स्टॉक को देना पड़ेगा और इसके साथ ही आपको अपना पूरा फोकस अपने स्टॉक पे लगाना पड़ेगा वरना आपको नुक्सान भी हो सकता है।
डिलीवरी (Delivery) ट्रेडिंग क्या है?
डिलीवरी ट्रेडिंग एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट है, और इसे ट्रेडिंग के दुनिया में ट्रेड का एक सबसे सुरक्षित तरीका माना जाता है। ट्रेडिंग का यह रूप शेयर बाजार में निवेशकों के बीच सबसे अधिक प्रचलित है। निवेशक अपने खरीदे गए शेयरों को लंबे समय तक बनाए रखने की दृष्टि से डिलीवरी ट्रेडिंग करते है, और अगर स्टॉक सही होता है तो लम्बे समय के बाद लाभ भी बहुत है।
डिलीवरी ट्रेडिंग में आप ब्रोकर से margin की उम्मीद नहीं रख सकते, यहाँ पर इन्वेस्ट करने के लिए आपके पास खुद के पैसे होने चाहिए साथ ही यहां पर आपको पूरे पैसों को एक बार में ही इन्वेस्ट करना पड़ता है। डिलीवरी ट्रेडिंग शेयरों के खरीदने या बेचने पर कोई समय की बाधा नहीं डालती है, इसके लिए केवल संबंधित डीमैट अकाउंट में स्टॉक के डिलीवरी की जरूरत होती है।
डिलीवरी ट्रेडिंग में, जिस कंपनी में आपने निवेश किया है, उससे निवेशक को उच्च प्रॉफिट, वोटिंग राइट आदि, मिलने की गुंजाइश होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग के मुकाबले इस ट्रेडिंग में आप खरीदे हुए स्टॉक्स को तुरंत ही नहीं बेच सकते है, इस ट्रेडिंग में आप एक अच्छे रिटर्न की उम्मीद रख सकते है क्योंकि यहां आपके पास स्टॉक लंबे टाइम तक रहता है, और जैसे जैसे कंपनी की ग्रोथ होती है आपको उसके हिसाब से अपने स्टॉक पर प्रॉफिट शेयर भी मिलता है।
अगर हम डिलीवरी ट्रेडिंग के नेगेटिव पॉइंट्स पर ध्यान दे तो बस आप यहां पर अपने ब्रोकर से मार्जिन की उम्मीद नहीं रख सकते, तथा आपको पूरे पैसों को एक बार में ही डालने पड़ते है, इसके साथ ही यह पर लाभ कमाने के लिए समय काफी ज्यादा लगता है, तो अगर आपको कभी पैसों की जरूरत पड़ी तो आप अपने निवेश किये हुए पैसों को बहार निकल के इस्तेमाल नही कर सकते । कभी कभी ऐसे में आप अपने पूरे पैसों को खो भी सकते है जिससे आपकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो सकती है।
स्विंग (Swing) ट्रेडिंग क्या है
स्विंग ट्रेडिंग कुछ दिनों में बाजार में स्टॉक या किसी अन्य वित्तीय कमोडिटी की कीमतों में बदलाव या स्विंग का फायदा उठाती है। स्विंग ट्रेडिंग में आप किसी भी स्टॉक को एक या एक दिन से अधिक समय तक अपने पास रखते है और आपको जब भी उस स्टॉक की कीमत बढ़ती हुई दिखाई देती है तो आप थोड़ा होल्ड करके तो आप उसे बेच के अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग को बाकी ट्रेडिंग से जो चीज़ अलग करती है वो है इसका टाइम फ्रेम, स्विंग ट्रेडिंग करने वाले ट्रेडर्स के पास स्टॉक एक छोटे समय तक ही रहता है (अधिक से अधिक एक हफ्ते तक) जिससे नुकसान की गुंजाइश काम हो जाती है।
इस ट्रेडिंग को करने के लिए आपके पास मार्केट में चलते हुए ट्रेंड को समझने की समझ होना चाहिए जिससे आप अपने निवेश किये हुए पैसों से अधिक से अधिक लाभ कमा सके।
अगर हम स्विंग ट्रेडिंग के नेगेटिव पॉइंट्स की बात करे तो अगर आपको मार्केट में चलते हुए ट्रेंड की अच्छी समझ नहीं है तो आप अपने पूरे पैसों को भी खो सकते है, इसलिए आपको इस मार्केट में इन्वेस्ट करने से पहले आपके पास मार्केट की अच्छी समझ होनी चाहिए जो बस एक अच्छे ट्रेनिंग के बाद ही मिल सकती है।
पोजिशनल (Positional) ट्रेडिंग क्या है?
पोजिशनल ट्रेडिंग, ट्रेडिंग का एक ऐसा तरीका है जो ‘बाय एंड होल्ड’ स्ट्रेटजी पर काम करता है। इसके लिए निवेशक को लंबे समय तक स्टॉक को अपने पास रखने की जरूरत होती है ताकि वह मार्केट में अपने स्टॉक की पोजीशन बना सके। यहां पर निवेशक को पैसा बनाने के लिए लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है, और जब मार्केट में स्टॉक की पोजीशन बन जाती है तो साथ ही उसकी कीमत भी बढ़ती है, और निवेशक इसी का फायदा उठा के अपने स्टॉक को अच्छे मुनाफे के साथ बेच देते है।
यहां पर आपको होना वाला मुनाफा तो बड़ा होता ही है, लेकिन इसके साथ में आप दैनिक विश्लेषण करने से भी बच जाते है जिससे आपका समय और मेहनत दोनों ही बर्बाद होने से बच जाते है।
हालांकि पोजिशनल ट्रेडिंग में काफी ज्यादा रिसर्च और कंपनी से जुड़ी साड़ी अहम बाते भी पता होनी चाहिए ताकि आप अपने नुक्सान को कम करने अधिक मुनाफा कमा सके। यह पर बस उन्ही पैसों को डालना चाहिए जो आपके पास फ़िज़ूल में पड़े हो तथा आप उन्हें कही निवेश करना चाहते हो, क्यूंकि जैसे हर सिक्के के दो पहलु होते है ठीक उसी तरह यहाँ पर मुनाफा या घाटा दोनों में से कुछ भी हो सकता है।
फंडामेंटल ट्रेडिंग (Fundamental) ट्रेडिंग क्या है?
फंडामेंटल ट्रेडिंग में शामिल ट्रेडर कंपनी के डेटा और आगे के विकास अनुमानों के संबंध में अपने मौलिक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। यहां पर जो ट्रेडर अपने पैसो का निवेश करते है वे कंपनी से जुड़ी सारी बातो की जानकारी रखते है तथा भविष्य में होने वाले नुकसान या मुनाफे का सही प्रकार से विश्लेषण कर सके।
इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स स्टॉक खरीदने और उसे बेचने पर अधिक ध्यान देते है जिससे वो अपने मुनाफे को अधिक से अधिक बढ़ा सके। फंडामेंटल ट्रेडिंग में लॉन्ग टर्म मुनाफे पर ध्यान दिया जाता है, इसलिए इस ट्रेडिंग को कुछ लोग स्टॉक मार्किट भी बोल देते है, क्यूंकि हमें स्टॉक मार्केट में भी इन्ही बातों पर ध्यान देना पड़ता है।
फंडामेंटल ट्रेडर्स कंपनी की ग्रोथ और उसके बैलेंस शीट में अपनी नज़र हमेशा बनाये रखते है जिससे अगर उन्हें कभी लगे की उन्हें नुक्सान हो सकता है तो वे अपने पैसो को बहार निकल के अपने नुक्सान को काम कर सके।
ट्रेडिंग करते समय ली जाने वाली सावधानी
दोस्तों ट्रेडिंग से पैसा बनाना जितना आसान है उतना ही ट्रेडिंग से पैसे को खोना भी। ट्रेडिंग करते समय अपने लाभ को बढ़ाने के लिए या अपने नुकसान को कम करने के लिए निम्नलिखित चीज़ो पर ध्यान देना काफी महत्वपूर्ण है –
- लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट में आपको इस चीज़ पर ध्यान देना चाहिए की आप जिस कंपनी में इन्वेस्ट कर रहे है उसका मार्केट में कैसा नाम है, क्यूंकि आगे चल के उसके नाम के बढ़ने से ही आपके स्टॉक की कीमत भी बढ़ेगी।
- आपको कभी भी ट्रेडिंग करने के लिए दोस्तों या रिश्तेदारों से पैसे कर्ज़ के रूप में नहीं लेने चाहिए क्यूंकि अगर आपने ट्रेडिंग में पूूूरे पैसे खो दिए तो आपकी आर्थिक स्तिथि तो खराब होगी ही लेकिन साथ में आपके रिश्ते भी खराब हो जायेंगे।
- लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग करने से पहले आपके पास उस कंपनी से जुड़ी साड़ी अहम बाते आपको पता होनी चाइये जैसे भविष्य के उसके क्या प्लान्स है, उस कंपनी ने किस सेक्टर में निवेश कर रखा है, आदि। बहुत बार ऐसा भी देखा गया है जिस कंपनी के स्टॉक की कीमत पहले आसमान छूती थी अब वो अपने कमजोड़ रणनीति की वजह से ज़मीन पर आ चुकी है।
- इंट्राडे जैसे ट्रेडिंग में आपको किसी भी स्टॉक के पुराने ट्रेंड्स मालूम होने चाहिए, क्योंकि उसी के आधार पर आप अपने पैसो को निवेश करने जा रहे है, कई बार लोग इन चीज़ो पर ध्यान नहीं देते और अपने पुरे पैसे पल भर में खो देते है।
ट्रेडिंग क्यो जरूरी है?
अगर आप कम समय में ज्यादा पैसे बनाना चाहते है तो आप ट्रेडिंग कर सकते है, लेकिन इसके साथ ही आपको ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क पर भी पूरा ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
ट्रेडिंग में कैसे शुरुआत करें?
ट्रेडिंग करने से पहले आपको ट्रेनिंग की ज़रूरत पड़ेगी तभी उसके बाद आप किसी अच्छे स्टॉक को पहचान पाएंगे इसके साथ ही ट्रेनिंग से आपको ये भी पता चल जायेगा की ट्रेडिंग करने के लिए आपके लिए कौन सा प्लेटफार्म सही रहेगा।
ट्रेडिंग के लिए कितना निवेश सही होता है?
यह बात पूरी आपके पॉकेट तथा आर्थिक स्तिथि पर निर्भर करता है, आपको ट्रेडिंग में बास उतना ही निवेश करना चाहिए जिसे अगर आप खो भी दे तो आपके बाकी काम न रुक जाए और साथ ही आपकी आर्थिक स्तिथि पर भी ज्यादा फर्क न पड़े ।
ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली चीज क्या है ?
ट्रेडिंग करते समय आपका सही कंपनी के स्टॉक में इन्वेस्टमेंट करना ज़रूरी है, इसलिए निवेश करने से पहले एक बार उस कंपनी के बारे में सब कुछ पता कर ले जो उसकी ग्रोथ के लिए मायने रखती है।
ट्रेडिंग करने के लिए क्या आवश्यक है ?
ट्रेडिंग के लिए सबसे पहले तो आपके पास कम्पनी से जुडी साड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ पैसे भी होने चाहिए , यहाँ पर धैर्य भी काफी अहम भूमिका निभाता है, क्यूंकि धैर्य की कमी से आप यहाँ पर अपने सारे पैसों को तुरंत खो भी सकते है।
क्या ट्रेडिंग करने से पहले ट्रेनिंग की ज़रूरत होती है?
हर एक काम को करने के लिए हमें ट्रेनिंग की ज़रूरत होती है और ट्रेडिंग में तो आप अपने पैसो के साथ खेलने वाले है, तो बिना ट्रेनिंग के ट्रेडिंग में उतरना आपका एक मूर्खतापूर्ण निर्णय हो सकता है।
ट्रेडिंग में कौन से फैक्टर्स नुकसान या लाभ के लिए ज़िम्मेदार होते है?
दोस्तों सबसे पहली चीज़ जो की लाभ या नुक्सान में मैटर करती है वो है आपकी ट्रेनिंग। आपकी ट्रेनिंग जितनी अच्छी होगी आप उतना अच्छा लाभ कमा सकते है।
निष्कर्ष
ट्रेडिंग में पैसे बनाना आसान है लेकिन साथ ही यहां पर रिस्क भी उतना ही है, तो आप एक बार सोच समझ के किसी एक्सपर्ट से राय लेकर अच्छे प्लेटफार्म पे इन्वेस्ट करे।
Disclaimer
दोस्तों इस पोस्ट का मकसद आप तक ट्रेडिंग क्या है? तथा उसके अलग अलग प्रकार के बारे में जानकारी पहुंचना था, तथा हम आपको कभी भी कहीं भी निवेश करने की सलाह नहीं देते है। ट्रेडिंग में वित्तीय जोखिम शामिल है, कृप्या सोच समझ के किसी जानकार से परामर्श लेकर ही अपने पैसे का निवेश करें। अगर आपको किसी भी प्रकार की आर्थिक हानि होती है तो उसके जिम्मेदार आप स्वयं होंगे, उसमें हमारी कोई भी भूमिका नहीं होगी।