Work of BDC member in Hindi: भारत आज भी गावों में बसने वाला एक देश है। इसलिए अगर सही मायने में भारत का विकास करना है तो सबसे पहले गांवों का विकास ही करना होगा। इसके लिए जरूरी है भारत के हर नागरिक को गांव की राजनीति की पूरी तरह समझ हो। जिसमें बीडीसी की बेहद अहम भूमिका होती है।
ऐसे में यदि आप बीडीसी के बारे में नहीं जानते हैं तो हमारी इस पोस्ट को अंत तक पढि़ए। अपनी इस पोस्ट में हम आपको बीडीसी सदस्य के कार्य क्या होते हैं। साथ ही बीडीसी का चुनाव कैसे कैसे होता है। इससे जुड़ी पूरी जानकारी देंगे।
बीडीसी क्या होता है?
बीडीसी सदस्य के कार्य की जानकारी दें इससे पहले आइए एक बार हम आपको जानकारी दें कि बीडीसी क्या होता है। तो हम आपको बता दें कि बीडीसी की फुल फार्म Block Development Council होती है। जिसे हिन्दी में प्रखण्ड विकास समिति कहा जाता है। इसके अंदर बीडीसी का चुनाव होता है और अगर वो चुनाव जीतता है तो अपने ब्लॉक में किसी भी तरह के काम करवा सकता है।
इसलिए गांव में अगर सरपंच के बाद किसी की भूमिका होती है। तो बीडीसी की सबसे अहम भूमिका होती है। इसका ही काम होता है कि अपने वार्ड में विकास कैसे किया जाएगा। इसकी रूपरेखा तैयार करना और सरपंच का समय समय पर मार्गदर्शन करना।
बीडीसी सदस्य के कार्य?
यदि हम बीडीसी सदस्य के कार्य की बात करें तो इसके कार्य भी वो सभी होते हैं। जो कि ग्राम पंचायत के होते हैं। लेकिन इसकी सीमा ये होती है ये सभी कार्य अपने ब्लॉक स्तर पर ही करवा सकता है। जिसमें गली बनवाना, सड़क बनवाना, नल की व्यवस्था करना जैसी चीजें शामिल होती हैं। इसके अलावा जो चीजें गांव के स्तर पर होती हैं। उन्हें बनवाने के लिए सरपंच जिम्मेदार होता है।
यदि हम Work of BDC member in Hindi के बाद बीडीसी की चुनाव की प्रक्रिया की बात करें तो इसका चुनाव भी राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा करवाया जाता है। लेकिन बीडीसी और सरपंच के चुनाव हमेशा एक साथ करवाए जाते हैं।
इसके लिए बीडीसी को अपना नामांकन भरना होता है। यदि उसका नामांकन सही पाया जाता है, तो उसे एक चिन्ह दे दिया जाता है। जिसके बाद वो आसानी से चुनाव में खड़ा हो सकता है। इसके बाद वो अपना प्रचार करता है। ताकि उसे ज्यादा से ज्यादा वोट मिल सकें।
- उम्मीदवार उस गांव का स्थाई निवासी हो।
- उम्मीदवार की आयु कम से कम 21 वर्ष पूरी हो चुकी हो। अधिकतम आयु की कोई सीमा नहीं है।
- यदि राज्य सरकार की तरफ से किसी तरह की शैक्षणिक योग्यता है तो उसे भी पूरी करना चाहिए। इसमें अधिकतम दसवीं हो सकती है।
- उम्मीदवार के ऊपर किसी भी तरह का अदालत की तरफ से अपराध में दोष सिद्ध ना हुआ हो। विचाराधीन मामलों के होने पर वो चुनाव में खड़ा हो सकता है।
- उम्मीदवार राज्य या केंद्र सरकार में किसी भी तरह से सरकारी पद पर ना हो। अन्यथा वो पर्चा नहीं भर सकता है।
- उम्मीदवार का आधार कार्ड।
- उम्मीदवार का वोटर कार्ड।
- उम्मीदवार के परिवार का राशन कार्ड।
- आरक्षित श्रेणी से आने वाले उम्मीदवारों के लिए जाति प्रमाण पत्र।
- स्व: प्रमाणित शपथ पत्र।
- ईमेल और मोबाइल नंबर।
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बीडीसी की सैलरी?
BDC ka kya kaam hota hai और बीडीसी की योग्यता क्या होनी चाहिए जानने के बाद आइए अब हम आपको जानकारी देते हैं कि यदि कोई उम्मीदवार बीडीसी का चुनाव जीत जाता है तो उसको हर महीने कितना वेतन दिया जाता है। इसमें हम आपको वेतन की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे सकते हैं। क्योंकि हर राज्य में बीडीसी का वेतन अलग अलग होता है।
लेकिन यदि हम सामान्य वेतन की बात करें तो यह 4 से 5 हजार के बीच में होता है। जो कि आमतौर पर हर चुने गए बीडीसी को राज्य सरकार की तरफ से दिया जाता है। इसके अलावा उसे कुछ भत्ते भी दिए जाते हैं। ताकि वो अपना और कामकाज अच्छे से कर सके।
बीडीसी का कार्यकाल
यदि हम बीडीसी के कार्यकाल की बात करें तो यह कुल 5 साल का होता है। जैसे ही इसे पांच साल हो जाते हैं, तो इसके लिए दोबारा से चुनाव होता है। इसमें यदि बीडीसी चाहे तो दोबारा से भी खड़ा हो सकता है। इसके बाद यदि उसे दोबारा से जनता चुनती है तो उसे दोबारा से बीडीसी का पद मिल जाएगा। अन्यथा जो बीडीसी का चुनाव जीतेगा उसे बीडीसी बना दिया जाएगा।
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बीडीसी क्या होता है?
बीडीसी की फुल फार्म Block Development Council जिसे हिन्दी में प्रखण्ड समिति सदस्य भी कहा जाता है।
बीडीसी के चुनाव में खड़े होने की न्यूनतम आयु 21 वर्ष रखी गई है। जबकि अधिकतम आयु की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।
बीडीसी चुनाव राज्य चुनाव आयोग के माध्यम से करवाया जाता है।
उम्मीदवार का उस गांव का स्थाई निवासी होना चाहिए साथ ही वो किसी सरकारी पद पर ना हो।
Conclusion
आशा है कि अब आप समझ गए होंगे कि बीडीसी सदस्य के कार्य क्या क्या होते हैं। साथ ही यदि आप आने वाले चुनावों में बीडीसी के लिए खड़े होना चाहते हैं तो कैसे खड़े हो सकते हैं। हालांकि, ग्राम पंचायत में बीडीसी बेहद छोटा सा पद होता है। लेकिन हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि राजनीति में अगर सफल होना है तो शुरूआत सबसे पहले छोटे से करनी चाहिए। ताकि आपकी समझ हमेशा जमीनी स्तर की हो। यदि आपका इस लेख से जुड़ा कोई सवाल है तो हमें नीचे कमेंट करें। हम आपके सवाल का जवाब अवश्य देंगे।
NOTE: कई राज्यों में बीडीसी को अलग नाम से जाना जाता है। साथ ही कई राज्यों में ये पद नहीं होता है। इसलिए बेहतर समझ के लिए अपने राज्य की पंचायती राज व्यवस्था का अवश्य अध्यन्न कर लें।